रायपुर के सफाई कर्मियों ने निगम को दिया अल्टीमेटम — 13 अक्टूबर तक नहीं मिला वेतन तो 14 से करेंगे हड़ताल

Raipur sanitation workers

Raipur sanitation workers

राजधानी रायपुर में सफाई व्यवस्था पर बड़ा संकट मंडराने लगा है। नगर निगम के करीब 3300 से अधिक सफाई कर्मियों ने पिछले तीन महीनों से वेतन न मिलने के विरोध में 14 अक्टूबर से काम बंद करने का ऐलान किया है। कर्मचारियों ने साफ कहा है कि अगर 13 अक्टूबर तक वेतन भुगतान नहीं हुआ, तो वे हड़ताल पर चले जाएंगे।

तीन महीनों से लंबित वेतन, 15 करोड़ रुपये का बकाया

रायपुर नगर निगम के सफाई कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। निगम पर कुल 15 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया बताया जा रहा है। सफाई कार्य 27 ठेकेदारों के माध्यम से संचालित हो रहे हैं, और कर्मचारियों का कहना है कि वेतन न मिलने से उनके घरों में त्योहार से पहले आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।

एक सफाई कर्मचारी ने कहा, “हम रोजाना शहर को साफ रखते हैं, लेकिन अब दिवाली पर अपने परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। तीन महीने से खाली हाथ हैं, बच्चों के लिए मिठाई तक नहीं ला पा रहे।”

निगम की सफाई — फंड की कमी से भुगतान में देरी

नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फंड की कमी के चलते भुगतान अटका हुआ है। उन्होंने कहा, “सालाना बजट तय है, लेकिन केंद्र और राज्य से अनुदान समय पर नहीं मिल पा रहा। जल्द ही समाधान निकालने का प्रयास हो रहा है।”

वहीं कर्मचारी संगठनों का कहना है कि जब अन्य विभागों में वेतन समय पर मिल रहा है, तो सफाई कर्मियों के साथ ऐसा भेदभाव क्यों।

महापौर ने दिया आश्वासन

महापौर मीनल चौबे ने कहा कि निगम प्रशासन कर्मचारियों से बातचीत कर रहा है। उन्होंने कहा, “हम प्रयास कर रहे हैं कि दिवाली से पहले कम से कम दो महीने का वेतन जारी किया जाए ताकि सफाई व्यवस्था प्रभावित न हो।”
हालांकि, कर्मचारी संगठनों ने साफ चेतावनी दी है कि यदि भुगतान नहीं हुआ तो हड़ताल अनिश्चितकालीन होगी, जिससे शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप हो जाएगी।

शहर में बढ़ी चिंता, स्वास्थ्य पर संकट

रायपुर के नागरिकों में भी चिंता का माहौल है। स्थानीय निवासी विकास साहू और भावना शर्मा ने कहा, “शहर साफ रहना जरूरी है, लेकिन सफाई कर्मियों को उनका हक मिलना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। प्रशासन को जल्द समाधान निकालना चाहिए।”

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सफाई कर्मी हड़ताल पर चले जाते हैं तो प्रतिदिन निकलने वाले 400-500 टन कचरे का निपटान रुक जाएगा, जिससे स्वास्थ्य संकट और संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।

देशभर की सफाई व्यवस्था पर उठे सवाल

यह मामला केवल रायपुर तक सीमित नहीं है, बल्कि देशभर में सफाई कर्मचारियों की स्थिति पर सवाल उठाता है। हाल ही में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का कार्यकाल 2028 तक बढ़ाया है, लेकिन कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में अब भी सुधार की जरूरत बनी हुई है।

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