थाने में हमला: फरियादी और पुलिसकर्मियों पर हमला, सीसीटीवी में कैद, पांच आरोपी गिरफ्तार

जशपुर (बगीचा): जशपुर जिले के बगीचा थाना परिसर में 16 जून की रात एक सनसनीखेज घटना सामने आई, जब शिकायत दर्ज कराने पहुंचे एक फरियादी और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया गया। यह पूरी वारदात थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई, जिसके आधार पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन महिलाओं सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
थाने में घुसकर की मारपीट
जानकारी के अनुसार, रात करीब 12 बजे दीपक जायसवाल नामक व्यक्ति मारपीट की शिकायत लेकर बगीचा थाना पहुंचा था। उसी समय झारखंड के हजारीबाग जिले से आए जाकिर हुसैन अपने परिवार के साथ थाना परिसर में पहुंचा और दीपक के साथ झगड़ने लगा। विवाद इतना बढ़ गया कि आरोपियों ने थाने के भीतर ही दीपक और उसके साथियों पर हमला बोल दिया।
पुलिसकर्मियों के साथ भी बदसलूकी
ड्यूटी पर तैनात आरक्षक धनेश्वर राम और उनके साथी ने स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन हमलावरों ने पुलिसकर्मियों को भी नहीं बख्शा। आरोपियों ने धक्का-मुक्की और हाथापाई शुरू कर दी, जिसमें आरक्षक धनेश्वर राम जमीन पर गिर पड़े। इसके बाद आरोपी वहां से फरार हो गए।
पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) शशि मोहन सिंह ने बताया कि घटना के बाद तुरंत कार्रवाई करते हुए पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। सभी को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। उन्होंने कहा कि यह पूरी घटना सीसीटीवी में दर्ज है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
गिरफ्तार आरोपी:
-
जाकिर हुसैन (55 वर्ष)
-
सागीर हुसैन (22 वर्ष)
-
रिजवाना खातून (42 वर्ष)
-
सहेला खातून (23 वर्ष)
-
सबीना खातून (25 वर्ष)
सभी आरोपी झारखंड के हजारीबाग जिले के बरही थाना क्षेत्र अंतर्गत कोरिया कर्मा गांव के निवासी हैं, जो वर्तमान में बगीचा बस स्टैंड पारा वार्ड नं. 07 में रह रहे थे।
इन धाराओं में मामला दर्ज:
पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिनमें शामिल हैं:
-
धारा 296: शांति भंग करना
-
धारा 351(2): लोक सेवक पर हमला
-
धारा 118(1): आपराधिक मंशा से परिसर में घुसपैठ
-
धारा 191(2): लोक सेवक को कर्तव्य से रोकने का प्रयास
-
धारा 132: लोक सेवक पर हमला
एसएसपी ने दी कड़ी चेतावनी
एसएसपी शशि मोहन सिंह ने स्पष्ट कहा, “पुलिस पर हमला या कानून व्यवस्था को चुनौती देने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस तरह की हरकतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।”