CJI गवई पर हमला करने वाले वकील बोले – “मैं खुद दलित हूं, बुद्ध से प्रेरित हूं”
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ (CJI BR Gavai) पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील राकेश किशोर ने अब एक बड़ा दावा किया है। सोशल मीडिया पर अपनी जाति को लेकर चल रही बहस के बीच उन्होंने कहा है कि “मैं खुद दलित हूं और भगवान बुद्ध के विचारों से गहराई से प्रभावित हूं।” उन्होंने बताया कि वे खजुराहो के विष्णु मंदिर में अनशन करने जा रहे हैं।
“मैं खुद दलित हूं, बुद्ध से प्रेरित हूं” – राकेश किशोर
राकेश किशोर ने अपने वीडियो बयान में कहा, “मैं खुद दलित हूं। मुझे बहुत दुख होता है जब हिंदू समाज के कुछ वर्ग एक-दूसरे से कटकर अलग होने लगते हैं। मेरे खिलाफ झूठा प्रचार किया जा रहा है। मेरे घर का घेराव किया गया, लेकिन मैं सत्य और सनातन धर्म की रक्षा के लिए संघर्ष करता रहूंगा।”
उन्होंने आगे कहा, “बौद्ध धर्म का जितना ज्ञान मुझे है, उतना किसी और को नहीं। मैंने भगवान गौतम बुद्ध को सबसे अधिक पढ़ा है। मैं उनके विचारों से प्रेरणा लेकर ही जीवन जीता हूं।”
खजुराहो मंदिर में अनशन का ऐलान
किशोर ने घोषणा की है कि वे खजुराहो के वामन (विष्णु) मंदिर में अनशन करेंगे। उन्होंने कहा, “मुझे भगवान का आदेश मिला है कि मैं मंदिर में जाकर अनशन करूं और वहां क्षतिग्रस्त विष्णु प्रतिमा की पुनर्स्थापना कराऊं। मेरा उद्देश्य है कि भगवान विष्णु की मूर्ति को फिर से उसकी गरिमा मिले।”
उन्होंने कहा कि यह कदम उन्होंने सनातन धर्म की रक्षा के लिए उठाया है और “सनातन की आवाज को दबाने की कोशिश करने वालों” के खिलाफ यह उनका शांतिपूर्ण विरोध होगा।
सुप्रीम कोर्ट में हुआ था हंगामा
6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट नंबर 1 में सुनवाई के दौरान 71 वर्षीय वकील राकेश किशोर ने अचानक हंगामा कर दिया था। उन्होंने CJI बी.आर. गवई की ओर जूता फेंकने की कोशिश की और नारे लगाए – “सनातन का अपमान नहीं सहेंगे!”
यह मामला खजुराहो के जवारी मंदिर में भगवान विष्णु की क्षतिग्रस्त मूर्ति की बहाली से जुड़ी याचिका से संबंधित था, जिसे CJI गवई की बेंच ने 16 सितंबर को खारिज कर दिया था।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सलाह दी थी, “अगर आप भगवान विष्णु के भक्त हैं, तो प्रार्थना करें और ध्यान लगाएं।” इसी टिप्पणी से नाराज होकर किशोर ने यह कदम उठाया।
गिरफ्तारी, माफी और बार काउंसिल की कार्रवाई
घटना के बाद सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें तुरंत पकड़ लिया। पुलिस ने किशोर को हिरासत में लिया, लेकिन CJI गवई ने उदारता दिखाते हुए उन्हें माफ कर दिया। हालांकि, दिल्ली बार काउंसिल ने उनके प्रैक्टिस लाइसेंस को निलंबित कर दिया है। कोई FIR दर्ज नहीं की गई, लेकिन बैंगलुरु पुलिस ने अलग से शिकायत दर्ज कर मामले की जांच दिल्ली पुलिस को सौंपी है।
सोशल मीडिया पर जातिगत विवाद
घटना के बाद सोशल मीडिया पर राकेश किशोर की जाति को लेकर जबरदस्त बहस छिड़ गई। कुछ लोगों ने उन्हें “हिंदूवादी ब्राह्मण” बताया, तो कुछ ने इसे “दलित बनाम सवर्ण” के चश्मे से देखने की कोशिश की। इस पर सफाई देते हुए किशोर ने कहा, “मैं खुद दलित हूं, मुझे किसी वर्ग के खिलाफ नहीं बल्कि समाज के विभाजन के खिलाफ दुख है।”
