आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए नई उम्मीद: शादी पर 1 लाख रुपए की सहायता

रायपुर: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही मुहिम में एक और बड़ा मोड़ सामने आया है। राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के चलते बड़ी संख्या में पुरुष और महिला नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें से कई युवा ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक विवाह नहीं किया है। अब सरकार इन आत्मसमर्पित युवाओं के नए जीवन की शुरुआत को आसान बनाने के लिए आर्थिक सहायता देने जा रही है।

तीन साल के भीतर विवाह करने पर 1 लाख की सहायता राशि:

राज्य सरकार द्वारा लागू की गई “छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण, पीड़ित, राहत एवं पुनर्वास नीति 2025” के अंतर्गत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को नए जीवन की शुरुआत में मदद देने का प्रावधान है। यदि कोई नक्सली समर्पण के तीन साल के भीतर विवाह करता है, तो उसे 1 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

हालांकि इस योजना में यह शर्त भी रखी गई है कि यदि दोनों पति-पत्नी पूर्व नक्सली हैं, तो उन्हें एक ही इकाई माना जाएगा और संयुक्त रूप से सहायता दी जाएगी।

समर्पण करने वालों को 50 हजार की नकद राशि भी:

सरकार आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को तत्काल राहत के रूप में 50,000 रुपए नकद भी प्रदान करेगी। यह राशि उन्हें मुख्यधारा में लौटने और जीवन को नई दिशा देने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से दी जा रही है।

कौन माने जाएंगे आत्मसमर्पित नक्सली?

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि किन-किन व्यक्तियों को इस नीति के तहत “आत्मसमर्पित नक्सली” माना जाएगा। इनमें कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) और उसके फ्रंटल संगठन जैसे:

दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संघ

क्रांतिकारी आदिवासी महिला संघ

चेतना नाट्य मंच

जनताना सरकार

पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया

मूलवासी बचाओ मंच

और अन्य विधिविरुद्ध घोषित संगठन

…के सदस्य शामिल होंगे, चाहे वे किसी भी पद पर क्यों न हों।

राज्य के निवासी हों या बाहर से आए हों, यदि वे छत्तीसगढ़ में इन संगठनों के गतिविधियों में शामिल रहे हैं, तो वे इस नीति के तहत आत्मसमर्पण के पात्र माने जाएंगे।

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