CM Sai Flood Inspection Controversy: सीएम बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निरीक्षण पर पहुँचे, लेकिन तस्वीरें चौंकाने वाली रहीं
CM Sai Flood Inspection Controversy
रायपुर | CM Sai Flood Inspection Controversy: प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सोमवार को बस्तर संभाग के बाढ़ प्रभावित जिलों का हवाई सर्वे और जमीनी निरीक्षण करने पहुँचे। दंतेवाड़ा और बस्तर जिलों का उन्होंने हवाई दौरा भी किया और राहत शिविरों का जायजा लिया। सरकार की ओर से दावा किया गया कि सीएम ने खुद प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर हालात देखे और हर ज़रूरतमंद परिवार तक समय पर मदद पहुँचाने की बात कही।
लेकिन इस पूरे दौरे की जो तस्वीरें और वीडियो सामने आए, वों चौकाने वाले रहें। चौंकाने वाली इसलिए क्योंकि जिन इलाकों से सीएम साय की तस्वीरें आई, वहाँ बाढ़ तो दूर, कहीं ज़मीन भी गीली नजर नहीं आई। अब ज़रा सोचिए प्रदेश के मुखिया ऐसा किस बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का निरिक्षण कर रहे थे| बस्तर से जो बाढ़ की तस्वीरें आई थी वों वाकई भयावह थी, मानसून ने लोगों का जन-जीवन इतना अस्त-व्यस्त कर दिया की लोगो का जीवन अब भी सामान्य नहीं हो पाया है, फिर सीएम साय के बस्तर दौरे की ऐसी कोई तस्वीर सामने क्यों नहीं आई। क्या मुख्यमंत्री जी सच में बाढ़ का निरिक्षण करने गए थे या ये जनता को लुभाने का तरीका और फोटोग्राफी सेशन तक ही सिमित रहा..
सरकार ने किए बड़े दावे, जमीनी हकीकत पर उठे सवाल
दावों के अनुसार सीएम साय राहत शिविरों तक पहुँचे और वहाँ मौजूद परिवारों से मुलाकात भी की। उन्होंने कहा कि सरकार हर पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है और शिविरों में भोजन, पानी और सुरक्षित आवास की व्यवस्था निरंतर बनी रहेगी। लेकिन ज़मीनी तस्वीरें कुछ और ही कहानी कहती नजर आईं।
जहाँ मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को फसल नुकसान, मकान क्षति और पशुधन हानि का त्वरित आकलन करने के निर्देश दिए, वहीं आम लोगों के बीच यह चर्चा तेज हो गई कि आखिर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र दिखे ही कहाँ? स्थानीय स्तर पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या यह सिर्फ़ औपचारिकता पूरी करने और मीडिया के लिए ‘साफ-सुथरी तस्वीरें’ दिखाने का कार्यक्रम था?
इस पूरे दौरे की जो तस्वीरें और वीडियो सामने आए, उन्होंने लोगों को चौंका दिया। तस्वीरों में न कहीं पानी दिखा, न बाढ़ के असर का कोई सबूत और न ही जमीनी तबाही। उल्टा ऐसा प्रतीत हुआ जैसे मुख्यमंत्री किसी साफ–सुथरी, व्यवस्थित जगह का दौरा कर आए हों, जहाँ बाढ़ का नामोनिशान तक नहीं था।
मुख्यमंत्री के निरीक्षण को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि जब असली बाढ़ प्रभावित गाँव आज भी जलभराव, कच्चे मकानों की ढहने की समस्या और मूलभूत सुविधाओं के संकट से जूझ रहे हैं, तो फिर सीएम के कैमरे में कैद इलाकों में सब कुछ इतना सामान्य क्यों दिखा? शायद इसलिए क्यूंकि सीएम साय असल में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रो में गए भी या बस दिखावा और फोटोग्राफी सेशन करा कर वापस लौट आए। आम लोग अब सरकार के दावों और हकीकत के बीच का फर्क तलाश रहे हैं।
सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर चर्चा है कि मुख्यमंत्री का दौरा असल बाढ़ग्रस्त गाँवों तक पहुँचा ही नहीं। लोग कह रहे हैं कि यह पूरा कार्यक्रम सिर्फ दिखावे के लिए था, जबकि असली पीड़ा झेल रहे लोग अभी भी मदद का इंतज़ार कर रहे हैं।
