नियमितीकरण की मांग को लेकर बस्तर के चतुर्थ वर्ग कर्मचारी फिर सड़कों पर, रायपुर तक पदयात्रा शुरू

कोंडागांव। राज्य सरकार से नियमितीकरण की मांग को लेकर एक बार फिर बस्तर अंचल के चतुर्थ वर्ग कर्मचारी आंदोलन के रास्ते पर उतर आए हैं। सोमवार से कोंडागांव जिले के बनियागांव से रायपुर विधानसभा की ओर लगभग 300 किलोमीटर लंबी पदयात्रा की शुरुआत की गई है। इस आंदोलन में महिलाएं, दिव्यांग कर्मचारी और छोटे बच्चों के साथ बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए हैं। आंदोलनकारियों ने साफ तौर पर कहा है कि अगर रायपुर पहुंचने के बाद भी सरकार ने उनकी मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया, तो वे विधानसभा के सामने अनिश्चितकालीन धरना देंगे।

गोद में बच्चों के साथ महिलाएं, कंधों पर सामान लेकर निकले कर्मचारी
पदयात्रा की तस्वीरें बेहद मार्मिक हैं। कई महिलाएं अपने छोटे बच्चों को गोद में लेकर चल रही हैं, तो कुछ बच्चों का हाथ थामे हुए हैं। कर्मचारी कंधों पर अपना सामान लादे, पैरों में छाले और सिर पर संघर्ष का संकल्प लिए गर्मी और बारिश में राजधानी की ओर बढ़ते जा रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी बात नहीं सुनी जाती, वे पीछे हटने वाले नहीं हैं।

पहले भी मिला था आश्वासन, लेकिन नहीं हुई कार्रवाई
गौरतलब है कि इन कर्मचारियों ने इससे पहले 1 मई को जगदलपुर से रायपुर तक पदयात्रा शुरू की थी। उस समय प्रशासन ने आश्वासन देकर यात्रा को बनियागांव में ही रोक दिया था। लेकिन दो महीने बीतने के बावजूद कोई निर्णय नहीं लिया गया, जिससे नाराज होकर कर्मचारियों ने दोबारा पदयात्रा शुरू कर दी है।

अस्थायी कर्मचारियों की पीड़ा—न वेतनमान पूरा, न स्थायित्व
चतुर्थ वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष आत्मानंद मौर्य ने बताया कि वर्ष 2014 और 2018 में बड़ी संख्या में कर्मचारियों की भर्ती की गई थी, लेकिन इनमें से अधिकांश आज भी अस्थायी रूप से कार्यरत हैं। कुछ कर्मचारियों को तो नियमित वेतनमान मिल गया है, मगर बाकी अब भी इससे वंचित हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार “समान कार्य के बदले समान वेतन” और स्थायित्व देने में पूरी तरह विफल रही है।

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