PM Modi on Operation Sindoor: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार शाम राष्ट्र के नाम संबोधन में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर सेना और देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने इसे महज एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि आतंक के खिलाफ भारत की अडिग नीति और करोड़ों देशवासियों की भावना का प्रतीक बताया। पीएम ने साफ शब्दों में कहा कि भारत ने सिर्फ कार्रवाई को “स्थगित” किया है, खत्म नहीं।
आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “हमने आतंकियों के ठिकानों को उखाड़ फेंका है। पाकिस्तान की ओर से न्यूक्लियर ब्लैकमेल या आतंकी समर्थन अब बर्दाश्त नहीं होगा। भारत आतंक के खिलाफ डटकर खड़ा है और अगर पाकिस्तान से कभी बात होगी, तो सिर्फ आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) पर होगी।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत किसी डर या दबाव में नहीं, बल्कि रणनीतिक सोच के साथ कार्रवाई कर रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की सटीक रणनीति
प्रधानमंत्री ने बताया कि 7 मई को पहलगाम हमले के जवाब में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक सैन्य हमला किया। पाकिस्तान ने जवाब में भारत पर 400 से अधिक ड्रोन दागे, लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने अधिकतर को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया। इसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान की रणनीतिक संपत्तियों पर हमले किए, जिससे उसकी सैन्य और तकनीकी कमजोरी उजागर हो गई।
‘पाकिस्तान के सीने पर वार’: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “जब पाकिस्तान ने हमारे स्कूल, मंदिर और सेना को निशाना बनाया, तो भारत ने संयम और सटीकता के साथ निर्णायक जवाब दिया। हमने पाकिस्तान के सीने पर वार किया है।”
उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत की तीनों सेनाएं पूरी तरह से सतर्क हैं और यदि आवश्यकता पड़ी, तो दोबारा उसी ताकत से जवाब दिया जाएगा।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और संसद सत्र की मांग
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पीएम मोदी के भाषण को भारत की स्पष्ट और मजबूत नीति का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की मंशा पूरी दुनिया को दिखा दी है।
वहीं, विपक्ष ने भी इस सैन्य कार्रवाई की सराहना की है। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है, ताकि ऑपरेशन सिंदूर और उसके असर पर व्यापक चर्चा हो सके।
अमेरिका की मध्यस्थता पर विवाद
भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार शाम सीजफायर की घोषणा हुई। इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि यह सीजफायर उनके मध्यस्थता प्रयासों का नतीजा है। इस पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि भारत ने कभी किसी तीसरे पक्ष को अपने आंतरिक या द्विपक्षीय मामलों में दखल देने की इजाजत नहीं दी है।
एयरपोर्ट फिर से खुले
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने जानकारी दी कि सुरक्षा कारणों से अस्थायी रूप से बंद किए गए 32 एयरपोर्ट अब सामान्य नागरिक उड़ानों के लिए फिर से खोल दिए गए हैं। इससे देश में हवाई यातायात सामान्य होने की उम्मीद है।
सेना और देश को समर्पित भाषण
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के अंत में भारतीय सेना, वैज्ञानिकों, खुफिया एजेंसियों और देश की जनता को सलाम करते हुए कहा कि यह शौर्य भारत की हर मां, बहन और बेटी को समर्पित है। उन्होंने कहा, “जब राष्ट्र सर्वोपरि होता है, तो फौलादी फैसले लिए जाते हैं – और उन्हें अंजाम तक पहुंचाया जाता है।”
प्रधानमंत्री का यह संबोधन न सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि यह संकेत भी देता है कि भारत अब किसी भी चुनौती का जवाब देने में पूरी तरह सक्षम और तैयार है।