वेलकम बैक शुभांशु.. इतिहास रचकर लौटे भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला, सफलतापूर्वक खत्म किया 18 दिन का अंतरिक्ष मिशन

नई दिल्ली। भारत ने अंतरिक्ष अन्वेषण की दिशा में आज एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ा, जब भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा पूरी कर सफलतापूर्वक पृथ्वी पर वापसी की। वह 18 दिन तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर रहकर Ax-4 मिशन का हिस्सा रहे और आज दोपहर 3:00 बजे (IST) स्पेसएक्स के ग्रेस यान के ज़रिए प्रशांत महासागर में सुरक्षित उतरे। यह क्षण भारतीय अंतरिक्ष इतिहास के लिए गौरवशाली और प्रेरणादायक बन गया।
उड़ान से वापसी तक: अंतरिक्ष में 18 ऐतिहासिक दिन
शुभांशु शुक्ला ने 25 जून 2025 को फाल्कन 9 रॉकेट से उड़ान भरी थी और 26 जून को ISS से जुड़ गए थे। इस दौरान उन्होंने अंतरिक्ष में 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए।
प्रमुख शोधों में मानव मांसपेशियों की हानि, मानसिक स्वास्थ्य, और अंतरिक्ष में फसल उगाना जैसे अध्ययन शामिल थे, जो भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए बेहद अहम साबित होंगे।
वापसी की रोमांचक यात्रा
शुभांशु की वापसी की प्रक्रिया 14 जुलाई को शाम 4:45 बजे (IST) शुरू हुई, जब ग्रेस यान ISS से अलग हुआ और पृथ्वी की ओर बढ़ा।
वापसी के अहम चरण:
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डी-ऑर्बिट बर्न: कक्षा से बाहर निकलने के लिए यान की गति कम की गई।
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वायुमंडल में प्रवेश: 27,000 किमी/घंटा की रफ्तार से प्रवेश के दौरान तापमान 1,600°C तक पहुंचा, जिसे हीट शील्ड ने सुरक्षित रूप से झेला।
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पैराशूट तैनात: वातावरण में धीमा होते ही पैराशूट खुले।
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स्प्लैशडाउन: अंततः 15 जुलाई को दोपहर 3:00 बजे यान प्रशांत महासागर में उतरा।
लैंडिंग का थ्रिल और रिकवरी मिशन
वापसी के वक्त यान से एक तेज सोनिक बूम सुनाई दिया — अंतरिक्ष यान की रफ्तार का प्रतीक।
वायुमंडलीय घर्षण से पैदा हुई प्लाज्मा परत के कारण कुछ समय तक ग्राउंड कंट्रोल से संपर्क बाधित रहा, लेकिन रिकवरी टीम ने तेजी से कार्य किया।
शुभांशु शुक्ला सहित पूरी Ax-4 टीम को सुरक्षित निकाला गया। अन्य सदस्यों में:
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पैगी व्हिटसन (कमांडर)
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स्लावोश उज़नांस्की-विस्निव्स्की (पोलैंड)
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टिबोर कपु (हंगरी) शामिल थे।
वापसी का माल और यादें
ग्रेस यान करीब 263 किलोग्राम (580 पाउंड) सामग्री लेकर लौटा, जिसमें:
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वैज्ञानिक डेटा,
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नासा के उपकरण,
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और ISS का कचरा शामिल है।
इसके अलावा, शुभांशु ने अपने साथ भारत का तिरंगा और अपने बेटे का पसंदीदा खिलौना ‘जॉय’ (एक हंस) भी अंतरिक्ष में ले गए थे — जो अब देश की अंतरिक्ष यात्रा की एक भावनात्मक कहानी बन चुका है।
शुभांशु और बाकी क्रू को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया
लैंडिंग के तुरंत बाद, शुभांशु और बाकी क्रू को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया। अगले 10 दिन तक पृथकवास (क्वारंटाइन) में रहेंगे ताकि उनके शरीर को गुरुत्वाकर्षण के साथ पुनः सामंजस्य बिठाने का समय मिल सके।
शुभांशु ने कहा: “अंतरिक्ष में भारत का तिरंगा लहराना मेरे जीवन का सबसे गौरवपूर्ण क्षण था। अब गगनयान जैसे अभियानों के लिए हम और तैयार हैं।“