TCS में 12,000 कर्मचारियों की नौकरियों पर संकट, AI बनी बड़ी वजह

नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) आने वाले समय में करीब 12,000 कर्मचारियों की छंटनी कर सकती है। यह संख्या कंपनी की कुल वर्कफोर्स का लगभग 2 प्रतिशत है। यह फैसला तकनीक में तेजी से आ रहे बदलावों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते उपयोग को देखते हुए लिया जा रहा है।
काम करने का तरीका बदलेगा
TCS के सीईओ के. कृतिवासन ने कहा कि कंपनी एआई और नई टेक्नोलॉजी की ओर बढ़ रही है, जिससे कई परंपरागत भूमिकाओं की अब जरूरत नहीं रह गई है। उन्होंने कहा, “हमें भविष्य के लिए तैयार रहना होगा। ये फैसला आसान नहीं है, लेकिन यह कंपनी के दीर्घकालिक हित में है।”
TCS में नई बेंच पॉलिसी लागू
हाल ही में TCS ने कर्मचारियों की बेंच नीति में बदलाव किया है। अब हर कर्मचारी को साल भर में कम से कम 225 बिलेबल दिन पूरे करने होंगे — यानी ऐसे दिन जब वे किसी रेवेन्यू जनरेट करने वाले प्रोजेक्ट पर कार्यरत हों। साथ ही बेंच (प्रोजेक्ट से बाहर रहने की स्थिति) की अवधि अब 35 दिन से ज्यादा नहीं हो सकेगी।
मिडिल और सीनियर लेवल पर असर
कंपनी का यह फैसला मुख्य रूप से मिडिल और सीनियर लेवल के कर्मचारियों को प्रभावित करेगा। कृतिवासन ने इसे अपने सीईओ कार्यकाल का सबसे मुश्किल निर्णय बताया। उन्होंने कहा, “हमने अपने साथियों के करियर विकास में काफी निवेश किया है, लेकिन अब समय की मांग अलग है।”
TCS में कुल कर्मचारी 6.13 लाख से ज्यादा
टीसीएस में जून 2025 तक 6.13 लाख से अधिक कर्मचारी कार्यरत थे। ऐसे में अगर 2 प्रतिशत की कटौती होती है, तो यह करीब 12,000 लोगों की नौकरियों पर सीधा असर डालेगा।