Rahul Gandhi vs Election Commission: राहुल गांधी के धांधली के आरोप पर चुनाव आयोग का पलटवार: कहा- आरोप निराधार और भ्रामक

Rahul Gandhi vs Election Commission

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Rahul Gandhi vs Election Commission: कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों को लेकर गंभीर आरोप लगाए, जिनमें उन्होंने चुनाव प्रक्रिया को “मैच फिक्सिंग” करार दिया और कहा कि यह लोकतंत्र के साथ धोखा है। राहुल गांधी का यह बयान राजनीतिक हलकों में गर्मी पैदा कर गया, जिस पर अब चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को पूरी तरह से “निराधार”, “बेतुका” और “भ्रामक” बताया है। आयोग का कहना है कि इस तरह के आरोप न केवल चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हैं, बल्कि कानून और निष्पक्षता की भावना का भी अपमान करते हैं।

क्या कहा था राहुल गांधी ने?

राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए कहा था कि महाराष्ट्र में जो चुनाव हुए, वे सत्ताधारी पार्टी की जीत सुनिश्चित करने की सुनियोजित साजिश का हिस्सा थे। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव में

  • फर्जी मतदाताओं को जोड़ा गया,

  • मतदान प्रतिशत कृत्रिम रूप से बढ़ाया गया,

  • फर्जी वोटिंग को सुविधाजनक बनाया गया,

  • और सबूतों को छिपाया गया।

राहुल गांधी का दावा था कि यही पैटर्न बिहार जैसे राज्यों में भी अपनाया जाएगा, जहां भारतीय जनता पार्टी को आगामी चुनावों में हार का सामना करना पड़ सकता है।

चुनाव आयोग का जवाब

राहुल गांधी के आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि इन आरोपों का कोई ठोस आधार नहीं है और ये केवल राजनीतिक बयानबाजी हैं। आयोग ने यह भी बताया कि कांग्रेस पार्टी द्वारा जताई गई सभी चिंताओं का विस्तृत जवाब दिसंबर 2024 से आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है।

चुनाव आयोग ने कहा –

“बिना किसी प्रमाण के इस तरह के आरोप लगाना न केवल लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अपमान है, बल्कि उन लाखों चुनाव अधिकारियों और कर्मचारियों का भी अपमान है, जो निष्पक्ष चुनाव कराने में दिन-रात मेहनत करते हैं।”

आयोग ने यह भी कहा कि इस तरह की गलत सूचनाएं और अफवाहें न सिर्फ संवैधानिक संस्थाओं की छवि को धूमिल करती हैं, बल्कि राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त हजारों प्रतिनिधियों की भी छवि को नुकसान पहुंचाती हैं।

राहुल गांधी के इन आरोपों ने राजनीतिक बहस को तेज कर दिया है, लेकिन चुनाव आयोग का स्पष्ट और सार्वजनिक बयान यह दर्शाता है कि वह चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर पूरी तरह सजग और प्रतिबद्ध है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी और तीखी हो सकती है, लेकिन आयोग ने अपने जवाब से स्थिति को स्पष्ट करने की कोशिश की है।

अब देखने वाली बात होगी कि क्या कांग्रेस अपने आरोपों के समर्थन में कोई ठोस सबूत सामने लाती है या यह मामला यहीं शांत हो जाता है।

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