लोकसभा में प्रियंका गांधी का सरकार पर हमला: ‘पहलगाम हमला कैसे हुआ?, सुरक्षा क्यों नहीं थी, सरकार जवाबदेही से भागती है, सब कुछ प्रचार है’

नई दिल्ली: लोकसभा में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जवाबदेही से बच रही है और सिर्फ प्रचार में व्यस्त है।
“यह हमला कैसे हुआ?”
प्रियंका गांधी ने रक्षा मंत्री के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा, “लोकसभा में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “…कल रक्षा मंत्री एक घंटे तक बोले, इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर, आतंकवाद, देश की रक्षा की बात कर ली और इतिहास का पाठ भी पढ़ा दिया। लेकिन एक बात छूट गई- यह हमला कैसे हुआ?…”
“सुरक्षा न होने पर सवाल”
उन्होंने कहा कि हमले के वक्त बैसरन घाटी में एक भी सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं था। “क्या नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री की नहीं है?”
“सीज़फायर पर सरकार मौन क्यों?”
प्रियंका गांधी ने गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा, “केंद्रीय गृह मंत्री ने आज पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी के कार्यों के बारे में बात की। उन्होंने मेरी मां के आंसुओं के बारे में भी बात की। लेकिन उन्होंने कभी यह नहीं बताया कि सीज़फायर की घोषणा क्यों की गई…”
“मेरी मां के आंसू आतंकवाद की त्रासदी के प्रतीक थे”
उन्होंने भावुक होकर कहा, “केंद्रीय गृह मंत्री ने आज मेरी मां के आंसुओं के बारे में बात की। मैं इसका जवाब देना चाहती हूं। मेरी मां के आंसू तब बहे थे जब आतंकवादियों ने मेरे पिता को मार डाला था। आज, जब मैं उन 26 लोगों (पहलगाम हमले के पीड़ितों) के बारे में बात करती हूं, तो ऐसा इसलिए है क्योंकि मैं उनका दर्द समझती हूं।”
“यह सरकार सवालों से भागती है”
प्रियंका गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “यह सरकार हमेशा सवालों से बचने की कोशिश करती है… इनमें देश के नागरिकों के प्रति कोई जवाबदेही का भाव नहीं है। सच तो यह है कि इनके दिल में जनता के लिए कोई जगह नहीं है। इनके लिए सब कुछ राजनीति है, प्रचार है…”
“सुरक्षित सांसद, असुरक्षित जनता”
“आज इस सदन में बैठे ज़्यादातर लोगों के पास सुरक्षा कवच है… लेकिन उस दिन पहलगाम में 26 लोगों को उनके परिवारों के सामने मार दिया गया। उस दिन बैसरन घाटी में जितने भी लोग मौजूद थे, उनके पास कोई सुरक्षा नहीं थी। आप चाहे कितने भी ऑपरेशन चला लें, सच्चाई से नहीं छिप सकते…”