Parliament Monsoon Session 2025: संसद में आज पहली बार पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर पर होगी चर्चा, सत्ता-पक्ष और विपक्ष आमने-सामने

Parliament Monsoon Session 2025

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नई दिल्ली | Parliament Monsoon Session 2025: संसद के मानसून सत्र में आज सोमवार को पहलगाम आतंकी हमला और ऑपरेशन सिंदूर पर बहुप्रतीक्षित चर्चा शुरू होने जा रही है। एक हफ़्ते तक चले हंगामे के बाद अब इस मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में सत्ता और विपक्ष अपने सबसे तेजतर्रार नेताओं को उतारने की तैयारी में हैं। सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर सरकार का पक्ष रखेंगे, जबकि विपक्ष की ओर से राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अखिलेश यादव जैसे बड़े नेता बहस का नेतृत्व करेंगे।

विपक्ष का हमला: ट्रंप का बयान बना हथियार

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है। विपक्ष का कहना है कि इस हमले के पीछे खुफिया विभाग की गंभीर चूक रही। इसके अलावा, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उन बयानों ने भी विपक्ष को बल दिया है, जिनमें उन्होंने दावा किया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराने में उनकी अहम भूमिका रही।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बार-बार सरकार की विदेश नीति और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कथित तौर पर अंतर्राष्ट्रीय समर्थन की कमी को लेकर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस का कहना है कि ट्रंप ने बीते 10 मई से लेकर अब तक “26 बार” यह दावा दोहराया है कि उन्होंने भारत-पाक युद्ध को रोकने में मध्यस्थता की।

जयराम रमेश का आरोप: अब भी न्याय से दूर आतंकवादी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने X पर पोस्ट करते हुए कहा कि लोकसभा में आज पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर 16 घंटे लंबी बहस होगी, जिसके अगले दिन राज्यसभा में भी चर्चा होगी। उन्होंने याद दिलाया कि ऑपरेशन सिंदूर रुकने के तुरंत बाद कांग्रेस ने दो दिन का विशेष सत्र बुलाने की माँग की थी।
रमेश ने कहा कि 22 अप्रैल के पहलगाम हमले के असली जिम्मेदार आतंकी अब तक पकड़े नहीं गए हैं और कथित तौर पर वही आतंकी पुंछ (दिसंबर 2023) और गंगागीर व गुलमर्ग (अक्टूबर 2024) हमलों में भी शामिल रहे।

सुरक्षा चूक पर उठे सवाल

रमेश ने यह भी बताया कि 24 अप्रैल को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री की बजाय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की थी, जहाँ खुफिया चूक पर गंभीर सवाल उठे। उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 14 जुलाई 2025 को स्वयं सार्वजनिक रूप से माना था कि पहलगाम हमला “स्पष्ट सुरक्षा विफलता” का परिणाम था।

आज की बहस को लेकर पूरे देश की निगाहें संसद पर टिकी हैं, जहाँ यह साफ होगा कि पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सत्ता और विपक्ष किस तरह आमने-सामने आते हैं।

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