Pahalgam Attack Discussion In Parliament: संसद में गूंजा भारत का सख्त संदेश, राजनाथ सिंह बोले – “शेर कभी मेंढक पर हमला नहीं करता”

Pahalgam Attack Discussion In Parliament
नई दिल्ली। Pahalgam Attack Discussion In Parliament: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर पर सोमवार को लोकसभा में 16 घंटे लंबी चर्चा की शुरुआत हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में बयान देते हुए पाकिस्तान और आतंकवाद को कड़ा संदेश दिया और साफ किया कि भारत की नीति स्पष्ट है – “हम शांति चाहते हैं, लेकिन मातृभूमि की रक्षा के लिए हर कदम उठाने को तैयार हैं।”
पाकिस्तानी दुस्साहस का करारा जवाब
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेना ने 6-7 मई की रात को चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तानी आतंकी ठिकानों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। उन्होंने बताया कि इस कार्रवाई में भारतीय सेना को किसी प्रकार की क्षति नहीं हुई।
रक्षा मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि 10 मई को रुकी गोलाबारी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से नहीं, बल्कि भारत और पाकिस्तान के DGMO के बीच बातचीत से थमी। 12 मई को औपचारिक संवाद के बाद दोनों पक्षों ने सैन्य कार्रवाइयों पर विराम का निर्णय लिया।
“शेर कभी मेंढक पर हमला नहीं करता”
संसद से पाकिस्तान और पूरी दुनिया को संदेश देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा,
“लड़ाई हमेशा बराबरी वालों से की जाती है, शेर कभी मेंढक पर हमला नहीं करता। भारत पाकिस्तान से मुकाबला कर अपना स्तर नहीं गिराएगा।”
उन्होंने कहा कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों को अब यह संदेश स्पष्ट रूप से मिल गया है कि भारत अपनी सीमाओं और नागरिकों की सुरक्षा के लिए संकल्पबद्ध है।
सामाजिक और राजनीतिक एकता पर जोर
रक्षा मंत्री ने विपक्षी दलों से आह्वान किया कि वे राजनीतिक मतभेद भूलकर राष्ट्रीय एकता का परिचय दें। उन्होंने कहा,
“यह समय दलगत भेदभाव से ऊपर उठकर अपनी संप्रभुता और आत्मसम्मान की रक्षा के लिए एकजुट होने का है। हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारी सामाजिक और राजनीतिक एकता है।”
आतंकवाद पर भारत की अडिग नीति
राजनाथ सिंह ने याद दिलाया कि 2017 के BRICS सम्मेलन में भारत ने पहली बार लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को वैश्विक स्तर पर कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने साफ कर दिया है कि जरूरत पड़ी तो हम आतंकियों को उनके घर में घुसकर भी मारेंगे।
उन्होंने SCO की हालिया बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने साफ कहा था कि आतंकवाद पर भारत का स्टैंड मजबूत हुए बिना वह किसी संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर नहीं करेगा।
ब्रिक्स में पहली बार जम्मू-कश्मीर हमले की निंदा
राजनाथ सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की पहल से ब्राजील में हुई BRICS बैठक में, चीन की मौजूदगी के बावजूद, पहली बार जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले की खुलकर निंदा की गई।
प्रणब मुखर्जी की किताब का हवाला
मुंबई हमले (2008) का जिक्र करते हुए उन्होंने प्रणब मुखर्जी की किताब The Coalition Years का उल्लेख किया। इसमें बताया गया कि भारत के पास सबूत थे कि आतंकवादी कराची से आए थे, लेकिन पाकिस्तान ने “नॉन-स्टेट एक्टर्स” का बहाना बनाया।
राजनाथ सिंह ने कहा कि उस समय यदि सर्जिकल स्ट्राइक या एयर स्ट्राइक जैसे निर्णायक कदम उठाए गए होते तो पाकिस्तान की रणनीति बदल सकती थी और आतंकवादियों को बड़ा झटका मिलता।
वैश्विक स्तर पर भारत की कूटनीतिक जीत
पहलगाम हमले के बाद भारत ने न केवल सीमा के उस पार आतंकी ठिकाने ध्वस्त किए, बल्कि दुनिया भर में पाकिस्तान की पोल खोलने की मुहिम भी चलाई। सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों ने 33 देशों का दौरा कर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का पर्दाफाश किया। इनमें ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, रूस, जापान, ग्रीस, बहरीन और यूएई जैसे देश शामिल थे।
इस अभियान में 51 सांसद, वरिष्ठ राजनयिक और पूर्व केंद्रीय मंत्री शामिल रहे, जिन्होंने पाकिस्तान के दुष्प्रचार को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया।
लोकसभा में हुई विस्तृत चर्चा ने साफ कर दिया कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की सख्त और निर्णायक नीति का प्रतीक है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान पाकिस्तान और पूरी दुनिया को यह संदेश देता है कि भारत न तो आतंकवाद के आगे झुकेगा और न ही अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने से पीछे हटेगा।