Naxals Love Story: बंदूक के साए में पनपी मोहब्बत, लव लेटर से नक्सली युगल ने छोड़ा हिंसा का रास्ता

Naxalites Love Story
Naxals Love Story: प्यार… एक ऐसा अहसास जो पत्थर को भी पिघला देता है, फिर इंसान की क्या बिसात। यह कहावत एक बार फिर सच साबित हुई है छत्तीसगढ़ के घने जंगलों में, जहाँ लाल आतंक के बीच पनपी मोहब्बत ने दो खूंखार नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा में लौटा दिया। यह फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि लाखों रुपये के इनामी नक्सली कंपनी कमांडर रेसिंग उर्फ रतन सिंह और कंपनी सदस्य पुनाय आचला उर्फ हिरोंदा की हकीकत है।
जंगल में हुई मुलाकात और प्यार का इज़हार
नक्सल संगठन की रेसिंग कमेटी उर्फ रतन सिंह कंपनी नंबर 5 के पीपीसी कमांडर रेसिंग और पुनाय आचला के बीच संगठन के एक कार्यक्रम के दौरान आँखें मिलीं, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई। यह रेसिंग ही थे जिन्होंने हिम्मत कर पत्र के माध्यम से अपने प्रेम का इज़हार किया, जिसे पुनाय ने स्वीकार कर लिया। संगठन के भीतर ही दोनों ने शादी कर ली, लेकिन उन पर परिवार नियोजन का दबाव भी था। 21 साल तक संगठन में सक्रिय रहने के बाद, दो साल पहले वे संगठन से बचते हुए पुलिस के सामने समर्पण कर दिया। अब यह नक्सली युगल अपनी बेटी के बेहतर भविष्य के लिए प्रयासरत है।
कई बड़ी वारदातों में थे शामिल
आत्मसमर्पित नक्सली रेसिंग उर्फ रतन सिंह 2002 से 2023 तक और पुनाय उर्फ हिरोंदा 2005 से 2023 तक माओवादी संगठन में सक्रिय रहे। इस दौरान वे कोण्डागांव, कांकेर, राजनांदगांव, गरियाबंद, धमतरी और नारायणपुर जिलों में कई गंभीर नक्सली घटनाओं में शामिल रहे।
इनमें वर्ष 2009 में राजनांदगांव के मदनवाड़ा कोरकोट्टी के पास हुई नक्सली घटना भी शामिल है, जहाँ पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव सहित कुल 29 जवान शहीद हो गए थे। इसके अलावा, 2011 में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश पवार पर हमला करने की घटना में भी इनका हाथ था, जिसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सहित 9 जवान शहीद हुए थे।