China’s Real Motives in Latin America: लैटिन अमेरिका को 10 अरब डॉलर की मदद नहीं, चीन की कूटनीतिक चाल है ये! जानिए ड्रैगन को कैसे मिल रहे तीन बड़े फायदे

China

China

China’s Real Motives in Latin America: अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से जारी ट्रेड वॉर में हाल ही में नरमी आई है। लेकिन जैसे ही ट्रंप प्रशासन के साथ टैरिफ को लेकर सहमति बनी, चीन ने चुपचाप लैटिन अमेरिका की ओर एक और रणनीतिक कदम बढ़ा दिया। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने करीब 10 अरब डॉलर (लगभग 83 हजार करोड़ रुपये) की क्रेडिट लाइन लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई देशों को देने की घोषणा की है — वो भी चीनी मुद्रा युआन में, न कि अमेरिकी डॉलर में। यही नहीं, इस डील के ज़रिए चीन को एक साथ तीन बड़े फायदे भी मिलने वाले हैं।

क्या है चीन की योजना?

बीजिंग में आयोजित चाइना-सीलैक (China-CELAC) फोरम में शी जिनपिंग ने ऐलान किया कि चीन लैटिन अमेरिका की आर्थिक मदद करेगा। लेकिन इसमें एक शर्त जोड़ी गई — पैसा युआन में मिलेगा। यह कदम चीन के लिए सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि रणनीतिक निवेश है, जिसका मकसद अपने असर को अमेरिका के दरवाजे तक ले जाना है।

चीन की ये “मदद” असल में तीन बड़े फायदे देती है:

1. युआन को बनाना चाहता है ‘नया डॉलर’

चीन का मकसद है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अमेरिकी डॉलर की जगह युआन का इस्तेमाल बढ़े। जब लैटिन अमेरिकी देश युआन में कर्ज लेंगे, तो उन्हें चीन से आयात भी युआन में करना होगा। इससे धीरे-धीरे उनकी डॉलर पर निर्भरता घटेगी और युआन एक वैश्विक मुद्रा के रूप में उभरेगा।

2. बेल्ट एंड रोड की पकड़ मजबूत करना

यह क्रेडिट लाइन बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का हिस्सा है। इसके ज़रिए चीन विकासशील देशों में सड़कें, रेल लाइनें, बंदरगाह और पावर प्रोजेक्ट बना रहा है। इसके बदले वह इन देशों में कर्ज, ठेके और प्रभाव तीनों हासिल कर रहा है। अब लैटिन अमेरिका भी इस दायरे में आ जाएगा।

3. सॉफ्ट पावर के जरिए सामरिक पकड़

चीन ने 5 लैटिन अमेरिकी देशों को वीज़ा-फ्री यात्रा देने का वादा भी किया है। यह रणनीति चीन की सॉफ्ट पावर को मजबूत करने की कोशिश है, ताकि वहां की जनता और सरकारों में उसकी “मददगार नेता” की छवि बने। लेकिन असल मकसद है खनिज और तेल जैसे संसाधनों तक पहुंच बनाना और अमेरिका के प्रभाव क्षेत्र में सीधी घुसपैठ करना।

दिखने में भले ही ये चीन की आर्थिक सहायता लगे, लेकिन असल में यह एक बहु-स्तरीय कूटनीतिक और आर्थिक चाल है। एक तरफ चीन अमेरिका की आंखों के सामने उसके “बैकयार्ड” में अपने झंडे गाड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर दुनिया को धीरे-धीरे युआन आधारित अर्थव्यवस्था की ओर धकेल रहा है।

यह सिर्फ कर्ज नहीं, चीन की ग्लोबल गेम है।

Youthwings