छत्तीसगढ़ में बढ़े आईपीएस के पद, डीओपीटी ने नए कैडर को दी मंजूरी, अब कुल 153 अधिकारी होंगे तैनात

रायपुर। केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने छत्तीसगढ़ राज्य के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) कैडर का पुनरीक्षण करते हुए नए पदों को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही अब राज्य में आईपीएस अधिकारियों की स्वीकृत संख्या बढ़कर 153 हो गई है, जो कि वर्ष 2017 में स्वीकृत 142 पदों से 11 अधिक है। यह जानकारी हाल ही में भारत सरकार के राजपत्र (गजट) में अधिसूचना प्रकाशित होने के बाद सामने आई है।

साइबर क्राइम और एसआईए जैसे आधुनिक विभागों को मिली प्राथमिकता

इस नए कैडर पुनर्गठन में केंद्र सरकार ने आधुनिक अपराधों से निपटने के लिए साइबर क्राइम शाखा और राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) जैसे महत्वपूर्ण विभागों के लिए भी पद स्वीकृत किए हैं। यह निर्णय राज्य की कानून व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने तथा जटिल अपराधों की जांच में दक्षता लाने के उद्देश्य से लिया गया है।

नए जिलों के लिए एसपी पदों को मिली स्वीकृति

पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में गठित नए जिलों—गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM), मोहला-मानपुर, सक्ती, सारंगढ़-बिलाईगढ़, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई—में पुलिस अधीक्षक (एसपी) के नए पद जोड़े गए हैं। इन जिलों में प्रशासनिक व्यवस्था को बेहतर बनाने और कानून व्यवस्था को सशक्त बनाने की दृष्टि से यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

डायरेक्ट रिक्रूट और प्रमोशन कोटे में भी हुआ इजाफा

डीओपीटी द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, डायरेक्ट रिक्रूट (सीधी भर्ती) आईपीएस अधिकारियों की संख्या 99 से बढ़ाकर 109 कर दी गई है। वहीं, राज्य पुलिस सेवा से पदोन्नत होकर आईपीएस बनने वाले अधिकारियों की संख्या 43 से बढ़ाकर 46 कर दी गई है। इससे राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को प्रमोशन के अधिक अवसर मिलेंगे और उनका मनोबल भी बढ़ेगा।

2004 से अब तक चार बार हुआ कैडर पुनरीक्षण

छत्तीसगढ़ को पृथक राज्य का दर्जा मिलने के बाद पहली बार वर्ष 2004 में आईपीएस कैडर का पुनरीक्षण किया गया था, तब कुल 81 पद स्वीकृत हुए थे। इसके बाद 2010 में यह संख्या बढ़कर 103, फिर 2017 में 142 और अब 2024 में बढ़कर 153 हो गई है।

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