Bijapur Naxal Encounter: बीजापुर में लगातार तीसरे दिन मुठभेड़, भास्कर के बाद दो और नक्सली ढेर; ऑटोमैटिक हथियार बरामद

Bijapur Naxal Encounter
बीजापुर, छत्तीसगढ़। Bijapur Naxal Encounter: नेशनल पार्क क्षेत्र में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच जारी मुठभेड़ में एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। शनिवार को सुरक्षाबलों ने दो और नक्सलियों को ढेर कर दिया। इससे पहले शुक्रवार को 45 लाख के इनामी और माओवादी संगठन के टॉप कमांडर भास्कर उर्फ मइलारापु अडेल्लू को मार गिराया गया था।
ताजा मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से ऑटोमैटिक हथियार, विस्फोटक सामग्री और गोलाबारूद बरामद किए गए हैं। बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक ने इसकी पुष्टि की है।
नक्सल ऑपरेशन में अब तक चार नक्सली ढेर, दो टॉप लीडर शामिल
नेशनल पार्क क्षेत्र में चल रहे एंटी-नक्सल ऑपरेशन के तहत बीजापुर पुलिस और केंद्रीय सुरक्षाबलों को लगातार तीसरे दिन बड़ी कामयाबी मिली है। बीते 72 घंटों में चार नक्सली मारे गए हैं, जिनमें दो टॉप लीडर शामिल हैं—1 करोड़ के इनामी सुधाकर और 45 लाख के इनामी भास्कर।
इनमें भास्कर सीपीआई (माओवादी) की तेलंगाना राज्य समिति के मंचेरियल-कोमरम भीम (MKB) डिवीजन का सचिव था। वह तेलंगाना के आदिलाबाद जिले के उरूमादला गांव का निवासी था और स्पेशल जोनल कमेटी (SZC) का सक्रिय सदस्य था।
भास्कर की मौत से माओवादियों को करारा झटका
भास्कर को शुक्रवार को मारे जाने के बाद घटनास्थल से AK-47 राइफल, विस्फोटक सामग्री और अन्य घातक हथियार बरामद किए गए थे। बताया गया कि भास्कर माओवादियों के लिए रणनीतिक अभियानों की योजना बनाता था और उसकी भूमिका राज्य से लेकर ज़ोन स्तर तक प्रभावशाली थी।
वहीं, इससे पहले 5 जून को इसी क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में मारे गए सुधाकर उर्फ गौतम की पहचान केंद्रीय समिति के सदस्य के रूप में हुई थी। सुधाकर का शव भी एक AK-47 राइफल के साथ बरामद किया गया था। वह नक्सली संगठन के सबसे बड़े निर्णय लेने वाले मंडल का हिस्सा था और उस पर 1 करोड़ रुपए का इनाम घोषित था।
सफल ऑपरेशन से जवानों का मनोबल बढ़ा, नक्सल नेटवर्क पर बड़ी चोट
लगातार सफल हो रहे नक्सल विरोधी अभियानों से सुरक्षाबलों का मनोबल काफी ऊंचा है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, मारे गए नक्सलियों की पहचान और उनकी संगठनात्मक भूमिका को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि माओवादियों के नेटवर्क पर यह एक बड़ा झटका है।
सुरक्षाबलों ने इलाके में तलाशी अभियान तेज कर दिया है और आशंका है कि जंगल में कुछ और नक्सली छिपे हो सकते हैं। अभियान अब अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है।
नक्सली नेतृत्व कमजोर, सुरक्षाबलों की रणनीति कामयाब
बीजापुर के नेशनल पार्क इलाके को नक्सलियों की रणनीतिक शरणस्थली माना जाता रहा है, लेकिन हाल के सफल अभियानों से नक्सल नेटवर्क को लगातार कमजोर किया जा रहा है। लगातार दो बड़े नेताओं के मारे जाने से न केवल माओवादियों के मनोबल पर असर पड़ा है, बल्कि उनके नेतृत्व ढांचे में भी कमजोरी आई है।
सूत्रों के मुताबिक, इस ऑपरेशन में केंद्रीय सुरक्षा बलों, डीआरजी, STF और बीजापुर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई जारी है, और आने वाले दिनों में और भी सफलताओं की उम्मीद की जा रही है।
बीजापुर के नेशनल पार्क इलाके में चल रहा एंटी नक्सल ऑपरेशन माओवादियों के खिलाफ निर्णायक साबित हो रहा है। एक के बाद एक टॉप कमांडरों की मौत ने नक्सलियों के संगठनात्मक ढांचे को हिला दिया है। सुरक्षाबलों की यह बड़ी सफलता आने वाले समय में क्षेत्र में स्थायी शांति की राह खोल सकती है।