Bihar Elections 2025: नीतीश कुमार के तीन मास्टरस्ट्रोक, जो बदल सकते हैं चुनावी समीकरण
Bihar Elections 2025
पटना। Bihar Elections 2025: बिहार में इसी साल सितंबर-अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और सभी दलों ने कमर कस ली है। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुपचाप तीन बड़े कदम उठाए हैं, जिनसे सीधे तौर पर करोड़ों लोगों को फायदा मिल रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ये फैसले चुनावी नतीजों पर गहरा असर डाल सकते हैं।
तीन फैसले, जो बन सकते हैं ‘गेम चेंजर’
सीएम नीतीश कुमार ने हाल ही में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना की राशि बढ़ाने, 125 यूनिट तक बिजली बिल माफ करने और लाखों युवाओं को रोजगार देने का ऐलान किया है। विपक्ष इन कदमों को महज चुनावी दांव बता रहा है, जबकि जानकार इसे नीतीश का सबसे बड़ा चुनावी मास्टरस्ट्रोक मान रहे हैं।
पेंशन राशि 400 से बढ़कर 1100 रुपये
नीतीश सरकार ने बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों को मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये कर दिया है। इस फैसले से 1 करोड़ 10 लाख से ज्यादा लोगों को सीधा लाभ होगा। साथ ही, लाभार्थियों के परिवारों को भी अप्रत्यक्ष रूप से राहत मिलेगी। नीतीश ने सोशल मीडिया पर लिखा, “आप सभी समाज के अनमोल हिस्सा हैं। सम्मानजनक जीवन-यापन हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
125 यूनिट तक बिजली मुफ्त
दूसरा बड़ा ऐलान बिजली बिल को लेकर किया गया। अब 125 यूनिट तक घरेलू बिजली मुफ्त मिलेगी, जिससे 1 करोड़ 67 लाख परिवारों को फायदा होगा। आर्थिक रूप से कमजोर तबके को सीधी राहत मिलने से उनके बजट पर बोझ कम होगा और वे शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में अधिक खर्च कर पाएंगे।
युवाओं के लिए नौकरी और रोजगार
नीतीश कुमार ने तीसरे फैसले के तौर पर रोजगार पर जोर दिया है। उनके अनुसार, अब तक 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और लगभग 39 लाख लोगों को रोजगार दिया गया है। सरकार का लक्ष्य है कि 2025 से 2030 तक एक करोड़ युवाओं को नौकरी या रोजगार से जोड़ा जाए। नीतीश का यह कदम सीधे युवाओं की भावनाओं और आकांक्षाओं से जुड़ता है।
चुनावी समीकरण पर असर
विशेषज्ञों का कहना है कि पेंशन, बिजली और रोजगार जैसे मुद्दे सभी जाति, धर्म और समुदाय के लोगों को प्रभावित करते हैं। यही वजह है कि नीतीश की ये तीनों पहल सामाजिक समीकरण को साधते हुए एनडीए के लिए बड़ा फायदा साबित हो सकती हैं।
हालांकि, विपक्ष का कहना है कि यह सब चुनावी वादे भर हैं, असली तस्वीर नतीजों के बाद ही साफ होगी। लेकिन इतना तय है कि नीतीश कुमार के ये तीन मास्टरस्ट्रोक बिहार की सियासत में नया ‘खेला’ कर सकते हैं।
