तहसीलदार की पत्नी ने अन्न-जल त्यागा, कहा- ’48 घंटे में नहीं मिला न्याय तो ससुराल की चौखट पर दे दूंगी जान’

बालोद। अपने अधिकार और पति के साथ रहने की मांग को लेकर संघर्ष कर रही रेनु गुप्ता ने शुक्रवार शाम से अन्न और जल का त्याग कर दिया है। उन्होंने ऐलान किया है कि यदि 48 घंटे के भीतर उन्हें उनके पति ने स्वीकार नहीं किया और ससुराल में जगह नहीं मिली, तो वह ससुराल की चौखट पर ही अपनी जान दे देंगी। इस आत्मघाती कदम के लिए उन्होंने सीधे तौर पर अपने ससुराल वालों के साथ-साथ शासन और प्रशासन को भी जिम्मेदार ठहराया है।

रेनु की इस लड़ाई में अब उनकी देवरानी वंदना पटेल गुप्ता भी साथ हो गई हैं। दोनों महिलाएं बीते पांच दिनों से बालोद स्थित ससुराल के बाहर बैठी हुई हैं, लेकिन अभी तक न तो न्याय मिला है और न ही किसी प्रशासनिक अधिकारी से कोई मदद। रेनु ने अपने ताजा वीडियो संदेश में कहा है कि अधिकारी जब भी आते हैं, तो उन्हें ससुराल की चौखट से हटने की सलाह देकर चले जाते हैं, पर न्याय दिलाने कोई प्रयास नहीं कर रहा।

रेनु का दर्द: पति ने छोड़ा, प्रशासन ने मुंह मोड़ा

रेनु गुप्ता का विवाह नवंबर 2022 में बालोद के तत्कालीन नायब तहसीलदार राहुल गुप्ता से समाजिक रीति-रिवाजों के साथ हुआ था। रेनु का आरोप है कि शादी के केवल 50 दिन बाद ही उन्हें दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा, जिससे तंग आकर वह मायके लौट गई थीं। लेकिन अब वह फिर से अपने अधिकार और पति के साथ रहने की उम्मीद लिए ससुराल लौट आई हैं।

रेनु ने बताया कि वह कई बार अपने ससुराल में लौटने की कोशिश कर चुकी हैं, लेकिन हर बार उन्हें घर में घुसने नहीं दिया गया। इस बार उन्होंने सख्त फैसला लिया है और बुधवार सुबह से ही ससुराल के बाहर बैठी हैं। अब उन्होंने अन्न-जल भी त्याग दिया है और चेतावनी दी है कि अगर 48 घंटे के भीतर उन्हें इंसाफ नहीं मिला, तो वह खुद को आग लगा लेंगी।

अब देवरानी वंदना भी धरने पर

रेनु की तरह ही उनकी देवरानी वंदना पटेल गुप्ता भी अपने पति के साथ रहने के अधिकार को लेकर संघर्षरत हैं। वंदना ने वर्ष 2024 में रेनु के देवर रोहित गुप्ता से प्रेम विवाह किया था। शादी के बाद दोनों जगदलपुर में साथ रह रहे थे। लेकिन जून में रोहित यह कहकर घर से निकला कि वह झलमला जा रहा है, जिसके बाद से उसने न तो वंदना से संपर्क किया और न ही वापसी की।

परेशान वंदना जब झलमला पहुंचीं तो वहां मकान बंद मिला। इसके बाद वह भी ससुराल में रहने की जिद के साथ रेनु के साथ धरने पर बैठ गई हैं। अब ये मामला दो बहुओं की अधिकार और सम्मान की लड़ाई बन गया है।

पति और ससुर दोनों सरकारी अफसर

रेनु के पति राहुल गुप्ता इस समय दंतेवाड़ा जिले में तहसीलदार के पद पर पदस्थ हैं। वहीं उनके ससुर सतीशचंद्र गुप्ता बालोद में मत्स्य अधिकारी हैं। ऐसे में यह सवाल भी उठ रहा है कि एक प्रशासनिक परिवार में बहुएं अगर इंसाफ की गुहार के लिए सड़क पर बैठने को मजबूर हो जाएं, तो आम लोगों के लिए क्या रास्ता बचता है?

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