Astronaut Shubhanshu Shukla: अंतरिक्ष की उड़ान को तैयार लखनऊ के शुभांशु शुक्ला, बनेंगे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय
Astronaut Shubhanshu Shukla
Astronaut Shubhanshu Shukla: लखनऊ की गलियों से निकलकर अब अंतरिक्ष की ऊंचाइयों को छूने जा रहे हैं भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला। वे 8 जून को अमेरिका के कैनेडी स्पेस सेंटर से एक्सिओम मिशन-4 (Axiom Mission-4) के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवाना होंगे। इस ऐतिहासिक मिशन में शुभांशु शुक्ला बतौर मिशन कमांडर शामिल होंगे और 14 दिन तक अंतरिक्ष स्टेशन पर रहकर विभिन्न अनुसंधान कार्यों में भाग लेंगे।
भारत के लिए बड़ी उपलब्धि
शुभांशु शुक्ला, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय बनने जा रहे हैं। इससे पहले साल 1984 में राकेश शर्मा रूस के सोयुज यान से अंतरिक्ष में गए थे। लगभग 40 साल बाद अब एक और भारतीय अंतरिक्ष की यात्रा के लिए तैयार है, और वह भी एक ऐसे मिशन के तहत जो नासा और इसरो की संयुक्त पहल है।
8 जून को होगा लॉन्च, पहले 29 मई को थी तय तारीख
Axiom Mission-4 की लॉन्चिंग पहले 29 मई को तय थी, लेकिन अब यह 8 जून को भारतीय समयानुसार शाम 6:41 बजे फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए लॉन्च होगा। इस मिशन में शुभांशु शुक्ला के साथ अमेरिका की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की और हंगरी के टिबोर कापू भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी की 2018 की घोषणा बनी सच्चाई
शुभांशु की इस उड़ान के पीछे एक लंबी तैयारी और सपने को साकार करने की कहानी छुपी है। साल 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से घोषणा की थी कि भारत के बेटे-बेटी जल्द अंतरिक्ष में जाएंगे। उसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए 2019 में शुभांशु को ISRO की अंतरिक्ष यात्री चयन प्रक्रिया में शामिल किया गया। विभिन्न स्तरों की जांच और ट्रेनिंग के बाद जनवरी 2025 में उन्हें Axiom Mission-4 के लिए बतौर पायलट चुना गया।
कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ में जन्मे शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के अनुभवी पायलट हैं। उनके पिता शंभू दयाल शुक्ला और मां आशा शुक्ला अपने बेटे की उपलब्धि पर गर्वित हैं। शुभांशु अपने परिवार में सशस्त्र बलों में शामिल होने वाले पहले सदस्य हैं।
वायुसेना में शानदार करियर
2005 में उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) से ग्रेजुएशन की और 2006 में भारतीय वायुसेना में कमीशंड हुए। शुभांशु मिग-21, मिग-29, एसयू-30 एमकेआई, जगुआर, हॉक और AN-32 जैसे कई विमानों को उड़ा चुके हैं। उनके पास 2000 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव है।
गगनयान मिशन के लिए भी चुने गए थे
2019 में शुभांशु को इसरो के गगनयान मिशन के लिए चार अंतरिक्ष यात्रियों में शामिल किया गया था। 2021 में वे रूस के गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में बुनियादी अंतरिक्ष प्रशिक्षण के लिए गए और बाद में बेंगलुरु स्थित इसरो की ट्रेनिंग फैसिलिटी में प्रशिक्षण जारी रखा। 2024 में उन्हें ग्रुप कैप्टन पद पर पदोन्नत किया गया।
पारिवारिक जीवन
शुभांशु तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। उनकी पत्नी कामना शुभा शुक्ला एक डेंटिस्ट हैं। शुभांशु के अंतरिक्ष मिशन को लेकर पूरे परिवार के साथ-साथ देशभर में उत्साह और गर्व की लहर है।
भारत के नाम दर्ज होगी नई उपलब्धि
8 जून को जब शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष के लिए रवाना होंगे, तब वे इतिहास के पन्नों में एक नया अध्याय जोड़ेंगे। यह न केवल लखनऊ बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का क्षण होगा। उनकी इस उपलब्धि से आने वाली पीढ़ियों को भी अंतरिक्ष विज्ञान में प्रेरणा मिलेगी।
