‘यमराज से बड़े हो गए पटवारी…’ तहसीलदारों पर बरसे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

नवा रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को नवा रायपुर के एक होटल में आयोजित समारोह में पंजीयन विभाग के 10 नवाचारों की शुरुआत करते हुए राजस्व विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और जटिलताओं पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आम जनता को राहत देने और भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “लोगों को जमीन की रजिस्ट्री और नामांतरण के लिए महीनों कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते थे। पटवारी यमराज से भी बड़े हो गए थे – वे जिंदा आदमी को मृत लिख देते थे, और फिर पीड़ित वर्षों तक न्याय के लिए भटकता रहता था।”

मुख्यमंत्री ने साझा किया एक किस्सा :

मुख्यमंत्री ने एक किस्सा साझा करते हुए बताया कि जब वे 1990 में पहली बार विधायक बने थे, तब एक बुजुर्ग व्यक्ति उनसे मिला जो 35 वर्षों से नामांतरण के मामले में न्याय के लिए लड़ रहा था। उन्होंने बताया कि वह व्यक्ति आज भी समाधान की बाट जोह रहा है। “यह किसी एक की नहीं, बल्कि हजारों लोगों की कहानी है,” उन्होंने कहा।

साय ने कहा कि अब वक्त बदल रहा है। राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार कर आमजन को राहत दी जा रही है। नामांतरण की प्रक्रिया को अब पंजीयन के साथ ही जोड़ दिया गया है, जिससे लोगों को तत्काल सेवा मिलेगी। उन्होंने कहा, “ऑफलाइन सिस्टम भ्रष्टाचार की जड़ थी। अब इसे बंद कर पूरी प्रक्रिया को डिजिटल किया जा रहा है।”

न केवल समय की बचत होगी बल्कि उन्हें भ्रष्टाचार से भी मुक्ति मिलेगी:

मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि पंजीयन प्रक्रिया में किए गए 10 नवाचारों से अब लोगों को न केवल समय की बचत होगी बल्कि उन्हें भ्रष्टाचार से भी मुक्ति मिलेगी। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि इन सुधारों से जरूर भूमाफियाओं के पेट में दर्द हो सकता है, लेकिन सरकार जनहित से कोई समझौता नहीं करेगी।

उन्होंने कहा कि कोयला और आबकारी सेक्टर की तरह ही भूमि पंजीयन में भी सुधार की दिशा में सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। “अब न कोई फाइल दबेगी, न कोई रिश्वत का लेन-देन होगा,” साय ने दो टूक कहा।

 

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