रायपुर-दुर्ग मार्ग पर कुम्हारी टोल की अवैध वसूली पर कांग्रेस का हल्ला बोल, आंदोलन की चेतावनी

रायपुर। रायपुर से दुर्ग के बीच संचालित कुम्हारी टोल प्लाजा की अनियमितताओं और वर्षों से चल रही अवैध वसूली को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर राज्य और केंद्र सरकार को घेरा है। कांग्रेस नेताओं ने संयुक्त प्रेस वार्ता कर आरोप लगाया कि यह टोल नाका ना सिर्फ नियमों के खिलाफ चल रहा है, बल्कि आम जनता के लिए जानलेवा जाम और दुर्घटनाओं का कारण भी बन चुका है।
कुम्हारी टोल को लेकर बढ़ रहा जन आक्रोश
पूर्व विधायक विकास उपाध्याय, कांग्रेस जिला अध्यक्ष गिरीश दुबे, वरिष्ठ नेता पंकज शर्मा और कन्हैया अग्रवाल ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि रायपुर से दुर्ग के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग-53 पर केवल 54 किलोमीटर की दूरी में तीन टोल प्लाजा – मंदिर हसौद, कुम्हारी और दुर्ग – संचालित हैं, जो सीधे तौर पर सड़क परिवहन मंत्रालय की उस गाइडलाइन का उल्लंघन है, जिसमें दो टोल नाकों के बीच कम से कम 60 किलोमीटर की दूरी होनी चाहिए।
कुम्हारी टोल की वैधता खत्म, फिर भी जारी है वसूली
कांग्रेस नेताओं ने बताया कि कुम्हारी टोल प्लाजा सार्वजनिक निधियों से निर्मित है, और इसकी वैधानिक अवधि समाप्त हो चुकी है। इसके बावजूद वहां सालों से वसूली जारी है, जो पूरी तरह अवैध है। खासकर रायपुर के टाटीबंध और कुम्हारी के स्थानीय लोगों को इस टोल के चलते भारी ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है। कई बार लोग घंटों जाम में फंसे रहते हैं।
नितिन गडकरी को पत्र, पर कोई जवाब नहीं
पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र भेजकर इस टोल को अविलंब बंद करने की मांग की थी, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया है। उन्होंने बताया कि टोल लागत की वसूली सालों पहले हो चुकी है, ऐसे में अब टोल वसूलना पूरी तरह गैरकानूनी है।
60 किमी में 3 टोल, नियमों की उड़ रही धज्जियां
एनएच-53 पर वर्तमान में निम्न टोल प्लाजा संचालित हो रहे हैं:
- मंदिर हसौद टोल – किमी 258.650 (नया, BOT आधारित)
- कुम्हारी टोल – किमी 281.400 (Public Funded, वैधता समाप्त)
- दुर्ग टोल – किमी 312.780 (BOT आधारित)
मंदिरहसौद से कुम्हारी के बीच 23 किमी और कुम्हारी से दुर्ग के बीच 31 किमी की दूरी है। कुल मिलाकर 54 किमी में 3 टोल प्लाजा संचालित हैं, जो MoRTH के नियमों के विरुद्ध है।
अवैध वसूली के अन्य आरोप
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि कई टोल प्लाजा पुराने शुल्क वसूलते हैं, रेट चार्ट सार्वजनिक नहीं करते, और स्थानीय नागरिकों से भी रियायत न देकर वसूली करते हैं। वहीं फास्टैग कैमरों के जरिए भी नियमों के खिलाफ राशि वसूली जा रही है।
राज्य सरकार भी सवालों के घेरे में
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने भी इस मामले में चुप्पी साध रखी है। जबकि नियमों के उल्लंघन या अनुबंध समाप्त होने की स्थिति में राज्य सरकार केंद्र से टोल बंद कराने की सिफारिश कर सकती है। कांग्रेस नेताओं ने इसे जनता के साथ विश्वासघात करार दिया।
अभी तक नहीं मिला केंद्र सरकार का जवाब
विकास उपाध्याय ने बताया कि उन्होंने पहले भी नितिन गडकरी को पत्र भेजा और छत्तीसगढ़ प्रतिनिधि मंडल से बातचीत के लिए समय मांगा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। हाल ही में बीजेपी के 10 सांसदों को भी पत्र भेजकर सहयोग की अपील की गई है।
कांग्रेस का आंदोलन की चेतावनी
कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि अगर जल्द ही इस टोल को बंद नहीं किया गया तो वे चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेंगे और जरूरत पड़ी तो दिल्ली तक जाकर विरोध करेंगे। साथ ही विधिक कार्रवाई की प्रक्रिया भी जारी है।