सुकमा में शहीदों को श्रद्धांजलि, गृहमंत्री विजय शर्मा बोले – नक्सली सीधे बात करें तो सरकार वार्ता को तैयार

सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के चिंगावरम में गृहमंत्री विजय शर्मा ने 15 साल पहले नक्सली हमले में शहीद हुए 32 लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह हमला 17 मई 2010 को हुआ था, जब नक्सलियों ने IED ब्लास्ट कर दर्जनों लोगों की जान ले ली थी। घटना की 15वीं बरसी पर गृहमंत्री ने चिंगावरम पहुंचकर शहीदों को नमन किया और इस मौके पर नक्सलियों से संभावित शांति वार्ता को लेकर बड़ा बयान दिया।

सरकार से सीधे बात करेंगे तो वार्ता संभव – विजय शर्मा

गृहमंत्री शर्मा ने स्पष्ट किया कि यदि माओवादी संगठन सीधे राज्य सरकार से बात करना चाहते हैं, तो सरकार भी शांति वार्ता के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “हम केवल डायरेक्ट संवाद चाहते हैं। बिचौलियों के जरिए कोई बात नहीं होगी।”

2026 तक नक्सलवाद समाप्त करने का लक्ष्य

राज्य में नक्सल उन्मूलन के लिए 2026 तक की समयसीमा तय की गई है। इसके तहत सुरक्षा बलों द्वारा लगातार सर्चिंग ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। इन अभियानों में न केवल नक्सलियों को ढेर किया गया है, बल्कि उनके हथियार और रसद के ठिकानों को भी तबाह किया गया है। इससे माओवादियों में घबराहट का माहौल है और कई ने आत्मसमर्पण भी किया है।

नक्सलियों की ओर से आई थी वार्ता की मांग

हाल ही में छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर हुए बड़े एंटी नक्सल ऑपरेशन के बाद नक्सल संगठन की ओर से शांति वार्ता का प्रस्ताव सामने आया था। सरकार ने जवाब में उन्हें दो विकल्प दिए –

  1. आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ें,
  2. या फिर जवानों की कार्रवाई का सामना करें।

कर्रेगुट्टा पर लहराया तिरंगा

इस अभियान में सुरक्षा बलों ने कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर नियंत्रण भी हासिल किया, जो पहले नक्सलियों का गढ़ माना जाता था। अब यहां तिरंगा लहरा रहा है, जो नक्सलवाद के खिलाफ सफलता का प्रतीक बन चुका है।

नक्सलियों से सीधी बात होगी तभी वार्ता संभव – सरकार का रुख स्पष्ट

गृहमंत्री ने साफ किया कि सरकार शांति की पक्षधर है, लेकिन केवल तभी बात होगी जब नक्सली सीधे सरकार से संवाद करेंगे। फिलहाल, सुरक्षा बलों की कार्रवाई और सख्ती के चलते माओवादियों पर दबाव बना हुआ है।

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