Ukraine Drone Attack on Russia: रूस के चार एयरबेस पर यूक्रेन का सबसे बड़ा ड्रोन हमला, 41 बमवर्षक विमान तबाह करने का दावा

Ukraine Drone Attack on Russia
Ukraine Drone Attack on Russia: यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध में अब तकनीकी और रणनीतिक स्तर पर नए मोड़ आ रहे हैं। यूक्रेन ने रूस के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा और विनाशकारी ड्रोन हमला किया है, जिसे ‘ऑपरेशन स्पाइडर्स वेब’ नाम दिया गया है। इस गुप्त ऑपरेशन को खुद यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की और घरेलू खुफिया एजेंसी SBU (स्लुज़बा बेज़पेकि यूक्रैनी) के प्रमुख वसिल मलियुक की निगरानी में अंजाम दिया गया।
क्या है ऑपरेशन स्पाइडर्स वेब?
यूक्रेन की खुफिया एजेंसियों ने इस जटिल ऑपरेशन को बीते रविवार को अंजाम दिया। इसमें रूस के चार बड़े एयरबेस को निशाना बनाया गया। यूक्रेनी सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, लगभग 117 FPV (फर्स्ट पर्सन व्यू) ड्रोन्स इस हमले में इस्तेमाल किए गए। यह ड्रोन हमलों की श्रृंखला इतनी संगठित और गुप्त थी कि रूस को इसकी भनक तक नहीं लगी।
यूक्रेन ने दावा किया है कि इस हमले में रूस के 41 युद्धक विमान पूरी तरह से तबाह हो गए, जिनमें Tu-95 और Tu-22M जैसे अत्याधुनिक बमवर्षक विमान शामिल हैं।
लकड़ी के शेड्स और ट्रकों का इस्तेमाल
इस ऑपरेशन में यूक्रेन ने बेहद अनोखी रणनीति अपनाई। विस्फोटकों से लैस छोटे-छोटे ड्रोन लकड़ी के मोबाइल केबिन्स (शेड्स) के भीतर छिपाकर ट्रकों के जरिए रूस के भीतर एयरबेस के पास पहुंचाए गए।
जब ट्रक एयरबेस के पास पहुंचे, तो रिमोट कंट्रोल से इन शेड्स की छतें खोली गईं और ड्रोन एकसाथ उड़कर रनवे पर खड़े रूसी बमवर्षक विमानों पर हमला करने लगे।
यूक्रेनी खुफिया अधिकारियों द्वारा साझा की गई तस्वीरों और वीडियो में इंडस्ट्रियल गोदामों में तैयार खड़े दर्जनों ड्रोन और शेड्स दिखाए गए हैं, जिनकी छतें हटाकर ड्रोन लॉन्च किए गए।
रूस ने क्या कहा?
रूसी रक्षा मंत्रालय ने भी हमले की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि मुरमान्स्क, इरकुत्स्क, इवानोवो, रियाज़ान और अमूर क्षेत्रों के सैन्य हवाई अड्डों को निशाना बनाया गया। हालांकि रूस का दावा है कि अधिकतर ड्रोनों को मार गिराया गया, लेकिन मुरमान्स्क और इरकुत्स्क में कुछ विमानों को नुकसान हुआ है।
रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी TASS के अनुसार, ड्रोन ट्रकों को चलाने वाले ड्राइवरों से पूछताछ की जा रही है और जांच जारी है।
बेलाया एयरबेस: सबसे अहम निशाना
इस हमले का सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य था इरकुत्स्क क्षेत्र का बेलाया एयरबेस, जो युद्ध क्षेत्र से लगभग 4,300 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां तैनात Tu-22M सुपरसोनिक बमवर्षक विमानों का इस्तेमाल यूक्रेन के बुनियादी ढांचे पर लगातार हमलों के लिए किया जाता रहा है।
वीडियो फुटेज में एयरबेस में कई विमान जलते हुए नजर आ रहे हैं, जिससे इस हमले की तबाही का अंदाजा लगाया जा सकता है।
डेढ़ साल की प्लानिंग, अरबों डॉलर का नुकसान
इस ऑपरेशन की योजना पिछले डेढ़ साल से बनाई जा रही थी। यूक्रेन ने सस्ते लेकिन अत्यधिक असरदार FPV ड्रोन्स का इस्तेमाल किया, जिनकी कीमत कुछ सौ डॉलर से अधिक नहीं होती। इसके मुकाबले, रूस के एक-एक बमवर्षक की कीमत कई मिलियन डॉलर में होती है।
यूक्रेनी खुफिया एजेंसी SBU का कहना है कि उनके ड्रोन रूसी विमानों को चुनकर निशाना बना रहे हैं, जो हर रात यूक्रेन के शहरों पर बमबारी करते हैं।
रूस के हमले का जवाब?
यह हमला ऐसे वक्त में किया गया है, जब एक हफ्ते पहले रूस ने यूक्रेन पर सबसे बड़ा हवाई हमला करते हुए 367 मिसाइल और ड्रोन्स दागे थे। उस हमले में 13 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें तीन बच्चे भी शामिल थे। अब इस यूक्रेनी ऑपरेशन को उस हमले का जवाब भी माना जा रहा है।
‘ऑपरेशन स्पाइडर्स वेब’ ने रूस के खिलाफ यूक्रेनी रणनीति में एक नया मोर्चा खोल दिया है। सस्ते ड्रोनों की मदद से अरबों डॉलर की रूसी संपत्ति को बर्बाद कर देना, यूक्रेनी खुफिया और तकनीकी कौशल की मिसाल है। यदि यह ऑपरेशन पूरी तरह सफल साबित होता है, तो यह अब तक का यूक्रेन की ओर से सबसे बड़ा और घातक ड्रोन हमला कहा जाएगा।