Shubhanshu Shukla Return: शुभांशु शुक्ला धरती के लिए रवाना, सफल अनडॉकिंग के बाद ड्रैगन यान ने ISS से भरी उड़ान

Shubhanshu Shukla Return
Shubhanshu Shukla Return : भारत के लिए आज अंतरिक्ष क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक दिन है। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला, जिन्होंने पिछले 18 दिनों से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर भारत का प्रतिनिधित्व किया, अब धरती की ओर लौटने के सफर पर निकल चुके हैं। स्पेसएक्स के ड्रैगन यान ने सफलतापूर्वक ISS से अनडॉक कर लिया है और शुभांशु समेत पूरी टीम पृथ्वी की ओर बढ़ रही है।
25 जून को भरी थी उड़ान, 26 जून को पहुंचे ISS
एक्सियम-4 मिशन के तहत शुभांशु शुक्ला ने 25 जून को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से फाल्कन-9 रॉकेट के ज़रिए अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी। करीब 28 घंटे की यात्रा के बाद 26 जून को वह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुंचे थे। अब 18 दिन के अंतरिक्ष मिशन के बाद वह धरती पर लौट रहे हैं। आज रात (भारतीय समय अनुसार) उनका स्प्लैशडाउन अमेरिका के कैलिफोर्निया तट के पास समुद्र में किया जाएगा।
अंतरिक्ष में की साइंस रिसर्च और ऐतिहासिक उपलब्धियां
ISS पर शुभांशु ने महज़ मौजूदगी नहीं दर्ज करवाई, बल्कि भारत की ओर से कई वैज्ञानिक प्रयोगों में हिस्सा लिया। उन्होंने भारत के 7 प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों और NASA के 5 रिसर्च प्रोजेक्ट्स में एक्टिव योगदान दिया। इन प्रयोगों से ना सिर्फ भारत के आगामी गगनयान मिशन को बल मिलेगा, बल्कि भारत की स्पेस रिसर्च को भी नई दिशा मिल सकती है।
कपोला मॉड्यूल से देखा धरती का अनोखा दृश्य
स्पेस स्टेशन पर मौजूद ‘कपोला मॉड्यूल’ से शुभांशु ने पृथ्वी को 7 अलग-अलग ऑब्जर्वेशन विंडोज़ से निहारा। उन्होंने न सिर्फ तस्वीरें और आंकड़े इकट्ठे किए, बल्कि स्पेस से भारत की भव्यता को कैमरे में कैद किया। इस अनुभव को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक वीडियो कॉल के दौरान साझा भी किया।
मोदी से की स्पेस कॉल, बताया 16 सूर्योदय-सूर्यास्त का अनुभव
अंतरिक्ष में रहते हुए शुभांशु ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की। उन्होंने बताया कि ISS हर 90 मिनट में पृथ्वी का एक चक्कर लगाता है, जिससे उन्हें रोज़ाना 16 बार सूर्योदय और 16 बार सूर्यास्त देखने को मिले। शुभांशु ने स्पेस से दिखाई देने वाले भारत के नज़ारों का भी जिक्र किया और कहा कि अंतरिक्ष से भारत बेहद सुंदर, शांत और शक्तिशाली नज़र आता है।
क्या है आगे की प्रक्रिया?
अब जबकि ड्रैगन यान ISS से सफलतापूर्वक अलग हो चुका है, वह कुछ ही घंटों में कैलिफोर्निया के पास समुद्र में स्प्लैशडाउन करेगा। इसके बाद शुभांशु को मेडिकल ऑब्ज़र्वेशन में रखा जाएगा ताकि ज़ीरो ग्रैविटी से पृथ्वी की ग्रैविटी में वापसी के बाद शरीर की स्थिति की निगरानी की जा सके।
शुभांशु शुक्ला की इस ऐतिहासिक यात्रा ने भारत को अंतरिक्ष की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। उनकी वापसी का हर पल अब देश के करोड़ों लोगों के लिए गर्व और रोमांच से भरा है। भारत की अंतरिक्ष यात्रा में यह एक और प्रेरणादायक अध्याय जुड़ चुका है।