राजनीतिक आंदोलनों से जुड़े मामलों पर मंत्रिपरिषद उपसमिति की समीक्षा बैठक, डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने की अध्यक्षता

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की मंत्रिपरिषद उपसमिति की अहम बैठक 18 जुलाई को विधानसभा परिसर में आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने की, जिसमें विशुद्ध रूप से राजनीतिक आंदोलनों से जुड़े दर्ज प्रकरणों की समीक्षा की गई। बैठक में राज्य के विभिन्न जिलों से प्राप्त ऐसे 15 मामलों की गहन समीक्षा की गई, जिनमें राजनीतिक कारणों से एफआईआर दर्ज की गई थी।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने जानकारी दी कि अब तक मंत्रिपरिषद की उपसमिति की बैठकों में कुल 139 राजनीतिक आंदोलन से जुड़े मामलों को प्रस्तुत किया गया है। इनमें से 126 मामलों पर कैबिनेट ने अपनी सहमति और अनुशंसा प्रदान की है। इस बार की बैठक में जिन 15 प्रकरणों पर चर्चा की गई, उन्हें अब मंत्रिपरिषद की अगली बैठक में विचारार्थ प्रस्तुत किया जाएगा। इसके आधार पर संबंधित मामलों में आगामी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

बैठक में उपसमिति के सदस्य उपमुख्यमंत्री अरुण साव, कृषि मंत्री राम विचार नेताम और महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े भी उपस्थित रहे। मंत्रियों ने जिलों से प्राप्त प्रकरणों की संवेदनशीलता और पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए उचित सुझाव दिए और प्रकरणों की समीक्षा निष्पक्ष रूप से करने की बात कही।

डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और ऐसे मामलों में न्यायोचित फैसले लेना आवश्यक है, जिनमें राजनीतिक आंदोलनों के दौरान व्यक्तियों पर मामले दर्ज हुए हैं। उन्होंने कहा कि कई बार आंदोलन लोकतांत्रिक अधिकार के तहत किए जाते हैं, लेकिन कुछ परिस्थितियों में उन पर आपराधिक प्रकरण दर्ज हो जाते हैं। उपसमिति का दायित्व है कि वह ऐसे मामलों को छांटे और न्यायोचित निर्णय के लिए उन्हें कैबिनेट के समक्ष रखे।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐसे मामलों की पहचान के लिए मंत्रिपरिषद उपसमिति का गठन किया है, जिसका उद्देश्य राजनीतिक आंदोलनों में भाग लेने वाले व्यक्तियों पर दर्ज मामलों की समीक्षा कर उचित अनुशंसा देना है। इससे पूर्व भी सैकड़ों मामलों की समीक्षा कर सरकार ने कई एफआईआर समाप्त करने या कार्रवाई नहीं करने का निर्णय लिया है।

बैठक में यह भी चर्चा की गई कि भविष्य में और अधिक जिलों से राजनीतिक आंदोलनों से जुड़े मामलों की जानकारी एकत्र कर उन्हें भी समीक्षा के लिए प्रस्तुत किया जाएगा, जिससे पीड़ित व्यक्तियों को न्याय मिल सके और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सम्मानित किया जा सके।

इस बैठक को राज्य सरकार की एक अहम पहल माना जा रहा है, जो राजनीतिक गतिविधियों में शामिल आम लोगों को राहत पहुंचाने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है।

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