91 लाख की जमीन ठगी का मामला: फर्जी रजिस्ट्री कर 4 लोगों से वसूले लाखों, असली मालिक ने तोड़फोड़ कर खोली पोल

रायपुर/बिलासपुर। बिलासपुर में जमीन की फर्जी बिक्री का बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें चार लोगों से करीब 91 लाख रुपए की ठगी की गई है। पीड़ितों ने बिलासपुर एसएसपी रजनेश सिंह से मिलकर इस मामले की शिकायत की, जिसके बाद सरकंडा पुलिस को जांच के निर्देश दिए गए हैं। यह पूरा मामला मोपका-सेंदरी बाइपास रोड से जुड़ा है।
जमीन दिखाकर की रजिस्ट्री, फिर किया कब्जा
मामले की शुरुआत तब हुई जब जोनल टाइप एनई कॉलोनी, तोरवा निवासी संजीत कुमार ने जरहाभाठा ओमनगर के साजिद खान से मोपका-सेंदरी बाइपास रोड में जमीन खरीदने की इच्छा जताई। साजिद ने उसे अंकित मिश्रा और गिरीश मौर्य से मिलवाया, जिन्होंने जमीन के दस्तावेज दिखाकर उसे भरोसे में लिया। संजीत ने 1000 वर्गफुट जमीन के बदले 17 लाख रुपए आरटीजीएस के जरिए हरिश अग्रवाल के खाते में जमा किए।
28 अप्रैल 2023 को संजीत की जमीन की रजिस्ट्री राजकिशोर नगर सीवी हाइट्स निवासी सतीश अग्रवाल, साजिद, अंकित और गिरीश की मौजूदगी में उप पंजीयक कार्यालय में कराई गई। संजीत ने जैसे ही जमीन पर निर्माण कार्य शुरू किया, विजय त्रिपाठी नामक व्यक्ति ने आकर बाउंड्रीवाल तुड़वा दी और बताया कि यह जमीन असल में अर्पिता त्रिपाठी (निवासी: जेपी विहार) के नाम पर पंजीकृत है। उसने इसके असली दस्तावेज भी पेश कर दिए।
चार लोगों से हुई कुल 91 लाख की ठगी
इस मामले में संजीत कुमार के साथ-साथ तीन और लोगों से भी ठगी की गई।
- नीरज कुमार ने 1500 वर्गफुट जमीन के लिए 27.50 लाख रुपए दिए।
- राजकुमारी लेनझारे ने 900 वर्गफुट जमीन के लिए 17.10 लाख रुपए चुकाए।
- उषा साहू ने 1500 वर्गफुट जमीन के लिए 30 लाख रुपए का भुगतान किया।
इन सभी लोगों को अलग-अलग दस्तावेज दिखाकर रजिस्ट्री कराई गई, लेकिन जब असल जमीन मालिक सामने आया, तब इन लोगों को ठगी का पता चला।
आरोपी नहीं लौटा रहे पैसे, पुलिस जांच में जुटी
जब पीड़ितों ने ठगी का अहसास होने पर साजिद, अंकित, गिरीश और सतीश से पैसे लौटाने की मांग की, तो चारों टालमटोल करने लगे और कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। परेशान होकर पीड़ितों ने एसएसपी से गुहार लगाई। फिलहाल सरकंडा थाना पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
जांच के बाद दर्ज हो सकता है FIR
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपियों ने जिस तरह से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री कराई और लोगों से मोटी रकम वसूली, उससे मामला धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का बनता है। जांच पूरी होने के बाद इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।