Rajpal Tyagi Passed Away: पूर्व कैबिनेट मंत्री राजपाल त्यागी का निधन, गाजियाबाद की मुरादनगर सीट से 6 बार रह चुके थे विधायक

Rajpal Tyagi Passed Away
Rajpal Tyagi Passed Away: उत्तर प्रदेश की राजनीति से एक दुखद खबर सामने आई है। राज्य के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री राजपाल त्यागी का शुक्रवार को निधन हो गया। वह पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। 80 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली, जिससे प्रदेशभर में शोक की लहर दौड़ गई है।
15 दिन से चल रहा था इलाज
राजपाल त्यागी बीते 15 दिनों से गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल में भर्ती थे। लंबे समय से उनकी तबीयत खराब चल रही थी और डॉक्टरों की टीम उनका लगातार इलाज कर रही थी। शुक्रवार को उन्होंने अस्पताल में ही अंतिम सांस ली। उनके निधन की पुष्टि उनके बेटे अजीतपाल त्यागी ने की, जिन्होंने सोशल मीडिया पर यह दुखद जानकारी साझा की।
छह बार विधायक, तीन बार मंत्री
राजपाल त्यागी का राजनीतिक जीवन काफी लंबा और प्रभावशाली रहा है। वे गाजियाबाद जिले की मुरादनगर विधानसभा सीट से छह बार विधायक चुने गए थे। उन्होंने तीन बार राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में भी जिम्मेदारी निभाई। त्यागी ने अपने करियर में कई बार राजनीतिक दल बदले लेकिन हर बार जनता का विश्वास हासिल करते रहे।
विभिन्न दलों से चुने गए विधायक
राजपाल त्यागी ने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की थी और लंबे समय तक उसी से जुड़े रहे। वे गाजियाबाद कांग्रेस के ज़िला अध्यक्ष के पद पर करीब 8 साल तक रहे। वह दो बार निर्दलीय, दो बार कांग्रेस, एक बार समाजवादी पार्टी (सपा) और एक बार बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से चुनाव जीत चुके थे। उनके राजनीतिक कौशल और जनसंपर्क के कारण वह हर बार चुनाव में मजबूत दावेदार बने रहे।
अंतिम विदाई की तैयारियां शुरू
पूर्व मंत्री के निधन की खबर से गाजियाबाद सहित पूरे उत्तर प्रदेश की राजनीति में शोक का माहौल है। उनके समर्थक, सहयोगी और राजनीतिक विरोधी सभी इस क्षति पर दुख व्यक्त कर रहे हैं। पार्टी स्तर पर उनके अंतिम दर्शन और अंतिम संस्कार की तैयारियां की जा रही हैं।
राजनीतिक जगत ने जताया शोक
राज्य के कई वरिष्ठ नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। उनके राजनीतिक योगदान को याद करते हुए उन्हें एक जननेता, सरल स्वभाव और मजबूत नेतृत्व क्षमता वाला नेता बताया गया।
राजपाल त्यागी का जाना न सिर्फ गाजियाबाद बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश की राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है। उनका लंबा राजनीतिक अनुभव, दलगत सीमाओं से ऊपर उठकर काम करने की शैली और जनता से सीधा जुड़ाव उन्हें हमेशा एक यादगार नेता बनाए रखेगा।