Raja Raghuvanshi Murder Case: राजा रघुवंशी हत्याकांड में नया मोड़, दो आरोपियों को मिली जमानत, सोनम की जेल से की गई मांगों ने बढ़ाई जांच एजेंसियों की चिंता

Raja Raghuvanshi Murder Case
Raja Raghuvanshi Murder Case: इंदौर के बहुचर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड में अब लगातार नए मोड़ सामने आ रहे हैं। शिलॉन्ग की अदालत ने शुक्रवार को इस मामले में गिरफ्तार दो आरोपियों—लोकेंद्र सिंह तोमर और बलबीर अहिरवार को ज़मानत दे दी है। दोनों पर मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी को हत्या के बाद पनाह देने और सबूतों से छेड़छाड़ करने के आरोप थे।
लोकेंद्र वही व्यक्ति है, जिसके इंदौर स्थित फ्लैट में सोनम मेघालय से भागकर छिपी थी। वहीं बलबीर उस इमारत का सुरक्षा गार्ड था। अदालत ने माना कि दोनों ने जांच में पूरा सहयोग दिया है और उनके विरुद्ध लगाए गए अपराध जमानती श्रेणी के हैं, इसलिए उन्हें जमानत दी जा सकती है।
सोनम की जेल से चौंकाने वाली मांग
इस हाई-प्रोफाइल हत्याकांड की मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी वर्तमान में शिलॉन्ग की जेल में बंद है। इस बीच जेल से उसकी एक मांग ने सभी को चौंका दिया है। सूत्रों के अनुसार, सोनम ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह जेल में सिर्फ दो लोगों से ही मिलना चाहती है—अपने पिता और भाई गोविंद रघुवंशी से। उसने जेल प्रशासन से आग्रह किया है कि उसे किसी और से मिलने की अनुमति न दी जाए।
सिर्फ इतना ही नहीं, सोनम को सप्ताह में एक बार कॉल करने की अनुमति भी दी गई है और खबर है कि वह अब तक तीन बार कॉल कर चुकी है। हालांकि, इन कॉल्स के विषय में कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है।
भाई गोविंद ने फोन कॉल से किया इनकार
इस बीच सोनम के भाई गोविंद रघुवंशी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अब तक उनकी बहन से उनकी कोई बात नहीं हुई है। उन्होंने सोनम द्वारा कॉल किए जाने की खबर को पूरी तरह से खारिज किया और इसे अफवाह बताया। गोविंद ने यह भी बताया कि वह और उनके पिता जल्द ही शिलॉन्ग जाकर सोनम से मिलना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने स्थानीय पुलिस को लिखित आवेदन भी दिया है, लेकिन अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
जेल में सीसीटीवी की निगरानी में है सोनम
सूत्रों की मानें तो शिलॉन्ग जेल में सोनम को 20 अन्य महिला कैदियों के साथ रखा गया है। हत्या जैसे गंभीर आरोप में बंद सोनम दूसरी महिला कैदी है, जिसे इस जेल में इस तरह की निगरानी में रखा गया है। उसकी सभी गतिविधियों पर सीसीटीवी के ज़रिए निगरानी रखी जा रही है और जेल स्टाफ भी उस पर विशेष ध्यान दे रहा है।
सोनम की यह जिद कि वह सिर्फ पिता और भाई से ही मिलेंगी, कई सवाल खड़े कर रही है। क्या यह एक भावनात्मक निर्णय है या इसके पीछे कोई सोची-समझी रणनीति छिपी है? क्या वह किसी नई योजना पर काम कर रही है या फिर अपने पक्ष को सिर्फ भरोसेमंद लोगों के सामने रखना चाहती है?
क्या केस में आएगा नया मोड़?
लोकेंद्र और बलबीर को ज़मानत मिलने के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इसका प्रभाव मुख्य आरोपी सोनम के केस पर क्या पड़ता है। क्या इनकी रिहाई से सोनम को कानूनी राहत मिलेगी या फिर ये जांच एजेंसियों को किसी नई दिशा में ले जाएंगे?
फिलहाल सभी की निगाहें शिलॉन्ग जेल पर टिकी हैं, जहां एक मुलाकात का इंतजार है—जो शायद इस सनसनीखेज हत्याकांड के कई राज खोल सकती है।