अंबेडकर अस्पताल में पत्रकारों के साथ मारपीट: पुलिस ने बाउंसरों का मुंडन कर जुलूस निकाला

रायपुर: रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में रविवार की रात पत्रकारों के साथ बाउंसरों ने मारपीट की। पत्रकार चाकूबाजी की एक घटना में घायल व्यक्ति की रिपोर्टिंग के लिए अस्पताल पहुंचे थे, लेकिन बाउंसरों ने उन्हें रिपोर्टिंग से रोकने के लिए हाथापाई की। जब अन्य पत्रकार और प्रेस क्लब के पदाधिकारी अस्पताल पहुंचे, तब भी बाउंसरों ने पुलिस के सामने पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार जारी रखा।
एजेंसी संचालक ने पिस्तौल दिखाकर धमकाया:
घटना तब और गंभीर हुई जब बाउंसर एजेंसी के संचालक वसीम बाबू पिस्तौल लेकर अस्पताल पहुंचे और पत्रकारों को धमकाने लगे। पुलिस ने अस्पताल के बाहर ही पत्रकारों को रोका, लेकिन पत्रकारों ने कार्रवाई की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। कार्रवाई में देरी होने पर पत्रकार मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने पहुंचे।
मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना और प्रशासन की प्रतिक्रिया:
आधी रात पत्रकारों ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना दिया। SSP डॉक्टर लाल उम्मेद सिंह मौके पर पहुंचे। इसी बीच अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर भी आए और पत्रकारों से माफी मांगी। उन्होंने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था सुधारने का आश्वासन दिया और कहा कि भविष्य में इस तरह की घटना नहीं होगी।
पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया:
मौदहापारा थाना पुलिस ने FIR दर्ज कर बाउंसर एजेंसी के संचालक वसीम बाबू और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के घर से पिस्तौल और गोलियां बरामद की गई हैं।
पत्रकारों के समर्थन में सामने आए नेता:
रायपुर के वरिष्ठ पत्रकार श्री चंद्राकर ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के साथ दुर्व्यवहार स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने पत्रकारों की भूमिका का सम्मान करने की बात कही। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घटना की निंदा की और सरकार से कहा कि ऐसी घटनाएं पुनः न हों। पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने भी पत्रकारों के साथ खड़ा होने का भरोसा दिया और कहा कि उनकी सुरक्षा एवं स्वतंत्रता सुनिश्चित की जाएगी।