पटवारियों को रोजाना 5 नक्शा बटांकन प्रकरण हल करने का लक्ष्य: राजस्व प्रकरणों के तेजी से निपटारे के लिए कलेक्टरों ने दिए सख्त निर्देश

रायपुर: प्रदेश में लंबित राजस्व प्रकरणों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने नक्शा बटांकन के कार्य में तेजी लाने के निर्देश जारी किए हैं। अब पटवारियों को हर दिन कम से कम 5 प्रकरणों का निराकरण करना होगा। कलेक्टरों के आदेश के बाद सभी जिलों में पटवारी फील्ड में उतरकर कार्य में जुट गए हैं। यहां तक कि कई पटवारी अवकाश के दिनों में भी दफ्तर पहुंचकर कार्यों का निपटारा कर रहे हैं।
रजिस्ट्री और नामांतरण में सुधार के लिए नया आदेश:
नई व्यवस्था के तहत अब रजिस्ट्री से पहले नक्शा बटांकन अनिवार्य कर दिया गया है। पहले केवल चौहद्दी रिपोर्ट के आधार पर जमीन की रजिस्ट्री हो जाती थी, लेकिन विवादों के चलते अब नियमों में संशोधन किया गया है। जमीन की खरीदी-बिक्री से पहले सटीक बटांकन आवश्यक होगा, तभी रजिस्ट्री की अनुमति मिलेगी।
वर्षों से अटके हैं कई हल्कों के बटांकन:
राज्य में कई पटवारी हल्कों में सालों से बटांकन नहीं हुआ, जिससे भूमि विवादों में इजाफा हुआ है। इसलिए अब साफ निर्देश हैं कि विवादित मामलों को छोड़कर बाकी सभी प्रकरणों में नक्शा व बटांकन को अपडेट किया जाए। इससे नामांतरण की प्रक्रिया तेज और पारदर्शी हो सकेगी।
नक्शा बटांकन: ज़रूरी क्यों?:
जमीन की सटीक पहचान सुनिश्चित होती है
भूमि विवादों की संख्या घटती है
बैंक ऋण व रजिस्ट्री की प्रक्रिया आसान होती है
भू-अर्जन व स्वामित्व प्रमाणन में सहूलियत मिलती है
हालांकि यह कार्य पटवारियों व तहसील स्तर के अधिकारियों के लिए चुनौतीपूर्ण बन गया है, क्योंकि मौजूदा संसाधनों में कार्यभार काफी बढ़ गया है।
अन्य महत्वपूर्ण मामलों में भी निर्देश:
राजस्व और भूमि सुधार विभाग ने पटवारियों व राजस्व अधिकारियों को निम्न मामलों में प्रगति लाने के सख्त निर्देश दिए हैं:
नामांतरण (विवादित/अविवादित), बंटवारा, व्यपवर्तन (डायवर्सन), आरबीसी 6-4, भू-अर्जन, स्वामित्व योजना, अभिलेख शुद्धता, आधार प्रविष्टि व आधार सीडिंग, वसूली, ई-कोर्ट केस, मुख्यमंत्री जनशिकायत व जनदर्शन के प्रकरण ।