सर्वदलीय बैठक में विपक्ष रहा हावी… जानिए कौन सी पार्टी लेकर आई कौन सा मुद्दा?

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले केंद्र सरकार ने रविवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक की अध्यक्षता राज्यसभा में सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा ने की। सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू और उनके सहयोगी अर्जुन राम मेघवाल मौजूद रहे। इस बैठक में सरकार ने विपक्ष से संसद के कार्य संचालन में सहयोग की अपील की, जबकि विपक्ष ने पहलगाम आतंकी हमले, बिहार में मतदाता सूची घोटाला, ओडिशा में कानून व्यवस्था जैसे कई गंभीर मुद्दे उठाए।

कांग्रेस ने सरकार से पूछे तीखे सवाल
बैठक के बाद कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि संसद सत्र के दौरान कांग्रेस सरकार से कई अहम सवालों के जवाब मांगेगी। उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकी हमले, अमेरिका की टिप्पणियों से भारतीय सेना की गरिमा पर उठे सवालों और चुनाव आयोग की भूमिका को लेकर सरकार को घेरा। गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इन विषयों पर खुद सदन में जवाब देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि रक्षा और विदेश नीति के मामले, खासकर ‘टू-फ्रंट’ स्थिति (चीन और पाकिस्तान) पर संसद में विशेष चर्चा होनी चाहिए। साथ ही मणिपुर की स्थिति पर भी चर्चा की मांग की।

आम आदमी पार्टी ने उठाया बिहार में वोटर लिस्ट घोटाले का मुद्दा
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर कथित घोटाले का मुद्दा उठाया। उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता के दावे को लेकर चिंता जाहिर की। संजय सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि ‘आप’ पार्टी इंडिया गठबंधन का हिस्सा लोकसभा चुनावों के लिए है, लेकिन विधानसभा चुनावों में वह अकेले उतर रही है।

बीजद ने ओडिशा की कानून व्यवस्था पर जताई चिंता
बीजू जनता दल (बीजद) के नेता सस्मित पात्रा ने ओडिशा में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर केंद्र को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है और भाजपा सरकार असहाय साबित हो रही है। उन्होंने संसद में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की।

अजित पवार गुट रहा गैरहाजिर
इस बैठक में जहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) से सुप्रिया सुले, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) से श्रीकांत शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट से अरविंद सावंत शामिल हुए, वहीं अजित पवार गुट का कोई भी प्रतिनिधि बैठक में मौजूद नहीं था। बताया गया कि एनसीपी के नेता सुनील तटकरे पूर्व निर्धारित कार्यक्रम की वजह से बैठक में शामिल नहीं हो सके।

इंडिया गठबंधन पहले ही तय कर चुका मुद्दे
इससे एक दिन पहले शनिवार को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक में 24 दलों ने तय किया था कि वे संसद के मानसून सत्र में पहलगाम आतंकी हमले, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अचानक रोकने, भारत-पाक तनाव के बीच अमेरिकी मध्यस्थता के दावों और बिहार में मतदाता सूची घोटाले जैसे मुद्दों को प्राथमिकता से उठाएंगे।

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