New Income Tax Bill 2025: 60 साल पुराने कानून की जगह लाए गए नए विधेयक में बड़े बदलाव, टैक्सपेयर्स के लिए क्या बदलेगा?

New Income Tax Bill 2025 : भारतीय टैक्स सिस्टम में ऐतिहासिक बदलाव की प्रक्रिया अब शुरू होने जा रही है। संसद के मानसून सत्र के पहले दिन, 21 जुलाई को नया आयकर विधेयक 2025 की समीक्षा रिपोर्ट पेश की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, यह विधेयक 285 अहम बदलावों के साथ आया है और यह 1961 के पुराने आयकर अधिनियम की जगह लेगा।
यह नया टैक्स बिल मौजूदा कानून की तुलना में ज्यादा सरल, संक्षिप्त और तकनीकी रूप से उन्नत है। इसमें जहां धाराओं की संख्या 819 से घटाकर 536 कर दी गई है, वहीं अध्यायों की संख्या भी 47 से घटाकर 23 कर दी गई है। कानून की भाषा को सरल बनाने के उद्देश्य से शब्दों की संख्या 5.12 लाख से घटाकर 2.6 लाख की गई है।
Tax Year की नई अवधारणा
अब तक टैक्स व्यवस्था में ‘प्रीवियस ईयर’ और ‘एसेसमेंट ईयर’ का उपयोग होता था। लेकिन नए बिल में इसे एक ‘Tax Year’ के रूप में बदलने का प्रस्ताव है। यानी टैक्सपेयर्स को अब पिछले साल की आय पर अगले साल टैक्स नहीं देना पड़ेगा, बल्कि उसी साल के अंत में भुगतान की व्यवस्था हो सकती है।
सरलता और पारदर्शिता पर जोर
नए विधेयक में मुकदमेबाजी को कम करने और टैक्स कंप्लायंस को आसान बनाने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। इसमें 1,200 पुराने प्रावधानों और 900 से अधिक स्पष्टीकरणों को हटाया गया है। साथ ही TDS और TCS जैसे नियमों को समझाने के लिए 57 टेबल शामिल की गई हैं, जो पहले सिर्फ 18 थीं।
प्रवर समिति की भूमिका
इस विधेयक की समीक्षा के लिए 13 फरवरी 2025 को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भाजपा नेता बैजयंत पांडा की अध्यक्षता में एक 31 सदस्यीय प्रवर समिति का गठन किया था। अब इस समिति की समीक्षा रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत की जाएगी, जिसके बाद विधेयक पर आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।