जिंदल स्टील समूह की मानवीय पहल: ऑपरेशन सिंदूर में बेघर हुए परिवारों की मदद करने 20,000 से अधिक कर्मचारी देंगे अपने एक दिन का वेतन

नई दिल्ली। देश की सुरक्षा और गरिमा की रक्षा के लिए भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की ऐतिहासिक सफलता ने जहां पूरे देश को गौरव से भर दिया है, वहीं जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले हजारों नागरिक आज भीषण मानवीय संकट का सामना कर रहे हैं। पाकिस्तान की ओर से की गई बर्बर गोलाबारी में न केवल निर्दोष नागरिकों की जानें गईं, बल्कि कई गांव तबाह हो गए और सैकड़ों परिवार बेघर हो गए।

कर्मचारियों ने किया स्वेच्छा से एक दिन का वेतन दान:

ऐसे कठिन समय में उद्योगपति और कुरुक्षेत्र से लोकसभा सांसद नवीन जिन्दल एक संवेदनशील और मानवीय पहल के साथ सामने आए हैं। उन्होंने पीड़ित परिवारों के पुनर्वास के लिए आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है, जिससे संकटग्रस्त नागरिकों को राहत मिल सके। इस पहल को और मजबूत बनाते हुए जिन्दल स्टील समूह के 20,000 से अधिक कर्मचारियों ने स्वेच्छा से अपने एक दिन का वेतन दान देने का संकल्प लिया है ।

नवीन जिन्दल ने क्या कहा ?

नवीन जिंदल ने कहा, “सीमा पर रहने वाले हमारे नागरिक किसी सैनिक से कम नहीं हैं। उनका साहस, धैर्य और बलिदान हम सबके लिए प्रेरणा है। आज जब वे कठिनाई में हैं, तो उनकी सहायता करना हमारा नैतिक और राष्ट्रीय कर्तव्य है। मैं देशवासियों से भी आग्रह करता हूं कि इस पुनर्वास अभियान में भागीदार बनें।”

गोलाबारी में कई गांव प्रभावित हुए:

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कई निर्दोष नागरिकों की क्रूर हत्या के बाद भारत ने सीमा पार स्थित आतंकी ठिकानों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की थी। इसके प्रतिशोधस्वरूप पाकिस्तान की ओर से की गई गोलाबारी में कई गांव प्रभावित हुए और हजारों लोग विस्थापित हो गए।

कोविड-19 महामारी के दौरान ₹25 करोड़ का योगदान:

यह पहला मौका नहीं है जब जिंदल स्टील ने संकट की घड़ी में देश का साथ दिया हो। इससे पहले कोविड-19 महामारी के दौरान कंपनी ने न केवल पीएम केयर्स फंड में ₹25 करोड़ का योगदान दिया, बल्कि देशभर में ऑक्सीजन की आपूर्ति और मुफ्त भोजन वितरण जैसे अनेक राहत कार्यों को भी अंजाम दिया था। 2013 की उत्तराखंड आपदा में भी कंपनी ने सक्रिय भागीदारी निभाई थी।

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