समिट के बीच ट्रंप का वॉकआउट! G-7 का इजराइल को समर्थन, बड़ा प्लान इशारों में जाहिर

इटली के पुगलिया में चल रही G-7 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच बयानबाजी तेज हो गई है। ट्रंप ने जहां अचानक समिट बीच में छोड़ दी, वहीं मैक्रों ने तंज कसते हुए दावा किया कि ट्रंप इजराइल और ईरान के बीच सीजफायर पर काम करने निकले हैं। इस पर ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रूथ’ पर पोस्ट डालकर मैक्रों को पब्लिसिटी सीकर कह डाला और समिट छोड़ने की वजह को सीजफायर से भी “कहीं बड़ा काम” बताया।
ट्रंप का पलटवार: “मैक्रों को कुछ नहीं पता”
ट्रंप ने कहा, “प्रचार की चाह रखने वाले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने गलती से कहा कि मैं इजराइल और ईरान के बीच युद्ध विराम के लिए जी-7 समिट छोड़ रहा हूं। ये बिल्कुल गलत है। उन्हें पता ही नहीं कि मैं क्यों वॉशिंगटन जा रहा हूं। लेकिन इतना तय है कि ये सीजफायर से कहीं ज्यादा अहम काम है।”
ट्रंप ने यह भी जोड़ा कि मैक्रों अक्सर गलत बोलते हैं और “कहते कुछ हैं, होता कुछ और है।”
G-7 ने ईरान के खिलाफ दिखाई एकजुटता, इस्राइल को समर्थन
इस विवाद के बीच G-7 देशों ने संयुक्त बयान जारी कर इस्राइल का खुला समर्थन किया है। देर रात जारी बयान में कहा गया कि पश्चिम एशिया में अस्थिरता के लिए ईरान जिम्मेदार है। G-7 नेताओं ने ईरान से अपने “आक्रामक रुख और परमाणु कार्यक्रम” को रोकने की मांग की है।
ईरान-इस्राइल टकराव फिर से तेज
गौरतलब है कि पिछले शुक्रवार से ईरान और इस्राइल के बीच सीधा हवाई युद्ध शुरू हो गया है। इस्राइल ने ईरान के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, जिसके जवाब में ईरान ने भी ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया। गाजा युद्ध के बाद यह टकराव अब एक खुले क्षेत्रीय संघर्ष में बदलता नजर आ रहा है।
ट्रंप ने ईरान को दी चेतावनी
ट्रंप ने G-7 समिट के दौरान ईरान को सीधी चेतावनी दी और कहा, “तेहरान को अपना परमाणु कार्यक्रम रोकना होगा, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए।” उन्होंने दावा किया कि ईरान को समझौते के लिए पहले ही 60 दिन का समय दिया जा चुका था, लेकिन वे विफल रहे। अब उन्हें हर हाल में कोई ठोस निर्णय लेना होगा।
क्या है फोर्डो यूरेनियम प्लांट, जिस पर टिकी है इस्राइल की नजर?
ईरान के फोर्डो यूरेनियम संवर्धन केंद्र को लेकर भी नई जानकारी सामने आई है। यह गहराई में बना हुआ परमाणु ठिकाना इस्राइल के लिए सबसे बड़ा खतरा माना जा रहा है। इसे नष्ट करने के लिए अमेरिका के GBU-57 बंकर बस्टर बम की जरूरत होगी, जो B-2 स्टील्थ बॉम्बर से ही गिराया जा सकता है। इस्राइल के पास न तो ये बम हैं और न ही उसे दागने वाले बमवर्षक।