Kawasi Lakhma के करीबी ठिकानों पर EOW-ACB का छापा, 20 से ज्यादा स्थानों पर एक साथ कार्रवाई जारी

Chhattisgarh excise scam case
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में हड़कंप मचाने वाली खबर सामने आई है। आबकारी घोटाले में जेल में बंद पूर्व मंत्री Kawasi Lakhma के करीबियों के ठिकानों पर EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) और ACB (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) ने बड़े पैमाने पर छापेमारी शुरू की है। सूत्रों के मुताबिक, प्रदेशभर में 20 से अधिक ठिकानों पर एक साथ दबिश दी गई है।
इस छापेमारी अभियान में दुर्ग, भिलाई, रायपुर, महासमुंद और धमतरी जैसे जिलों के कई स्थानों को टारगेट किया गया है। सबसे बड़ी कार्रवाई दुर्ग जिले में देखने को मिल रही है, जहां स्टील कारोबारी अशोक अग्रवाल के निवास पर जांच जारी है। अशोक अग्रवाल का नाम लखमा के नजदीकी लोगों में गिना जाता है।
दुर्ग में सबसे बड़ा ऑपरेशन, स्टील उद्योग से जुड़े दस्तावेज खंगाले जा रहे
दुर्ग की आम्रपाली सोसाइटी स्थित अशोक अग्रवाल के आवास पर ACB और EOW की टीम ने तड़के दबिश दी। अशोक अग्रवाल स्टील इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं, और उनकी कारोबारी गतिविधियों की जांच की जा रही है।
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बैंक खातों, संपत्ति दस्तावेजों और स्टील कारोबार से जुड़े कागजात खंगाले जा रहे हैं।
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मौके पर एसीबी के 9 वरिष्ठ अधिकारी जांच में जुटे हुए हैं।
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अग्रवाल के अलावा दुर्ग जिले के दो अन्य व्यवसायियों के घरों पर भी तलाशी ली जा रही है।
प्रदेशभर में फैली कार्रवाई, राजधानी रायपुर भी शामिल
सूत्रों के मुताबिक, इस छापेमारी की योजना लंबे समय से तैयार की जा रही थी और आज सुबह इसे एक साथ अंजाम दिया गया। रायपुर, महासमुंद और धमतरी में भी कई प्रमुख ठिकानों पर टीमें पहुंच चुकी हैं और कार्रवाई जारी है।
अभी तक जिन लोगों पर छापे पड़े हैं, वे सभी कवासी लखमा के करीबी माने जाते हैं और उनकी संदिग्ध वित्तीय गतिविधियों को लेकर जांच चल रही है।
क्या है मामला?
कवासी लखमा के खिलाफ आबकारी विभाग में भारी भ्रष्टाचार का आरोप है। मामले में पहले ही उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है। अब EOW-ACB उन लोगों की पहचान कर रही है, जिन्होंने कथित रूप से इस घोटाले में सहयोग किया या लाभ उठाया।
इस छापेमारी का मकसद काले धन, संपत्ति और घोटाले के पैसों की ट्रांजैक्शन की परतें खोलना है। अधिकारियों का कहना है कि जरूरत पड़ने पर फॉरेंसिक ऑडिट भी किया जाएगा।
अधिकारियों का बयान अभी बाकी
इस मामले में अब तक ईओडब्ल्यू या एसीबी की तरफ से आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन छापेमारी जारी है और देर शाम तक इसमें और बड़े खुलासे हो सकते हैं छत्तीसगढ़ में इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्यवाही के रूप में देखा जा रहा है, जो आने वाले समय में और कई चेहरों को बेनकाब कर सकती है।