चैतन्य बघेल ED की विशेष अदालत में पेश, भूपेश बघेल समेत पूरी कांग्रेस फौज पहुंची न्यायालय

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार सुबह बड़ी कार्रवाई की। ईडी की टीम ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई स्थित निवास पर छापा मारा और उनके बेटे चैतन्य बघेल को हिरासत में ले लिया। इसके बाद चैतन्य को रायपुर स्थित विशेष न्यायालय में पेश किया गया, जहां मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश डमरूधर चौहान की अदालत में हुई।
ईडी की यह कार्रवाई सुबह 6 बजे शुरू हुई, जब दो गाड़ियों में सवार 8 सदस्यीय टीम ने बघेल निवास पर दबिश दी। जैसे ही कार्रवाई की खबर फैली, भूपेश बघेल के समर्थकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भीड़ उनके आवास के बाहर जमा होने लगी। इस बीच राज्य की राजनीति में भी हलचल मच गई।
विपक्ष ने जताया विरोध, कांग्रेस विधायक पहुंचे कोर्ट
ईडी की इस कार्रवाई के विरोध में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत समेत कांग्रेस के सभी विधायक विशेष अदालत पहुंच गए। डॉ. चरणदास महंत ने इस छापे को सत्ता के दुरुपयोग का उदाहरण बताते हुए कहा कि, “हमने तमनार में पेसा कानून के उल्लंघन और अडानी को पेड़ काटने की अनुमति दिए जाने के विरोध में स्थगन प्रस्ताव लाया था। यह कार्रवाई उसी का बदला है।”
उन्होंने कहा कि आज चैतन्य बघेल का जन्मदिन है और उसी दिन सुबह-सुबह छापा मारा गया। यह स्पष्ट रूप से विपक्ष में डर पैदा करने की कोशिश है। डॉ. महंत ने यह भी कहा कि राज्य सरकार अडानी का खुलकर साथ दे रही है और विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है। उन्होंने दो टूक कहा, “यह लोकतंत्र नहीं है। विपक्ष एकजुट है और सरकार के दबाव में नहीं झुकेगा।”
हम ना डरेंगे, ना झुकेंगे: भूपेश बघेल
बेटे की हिरासत पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कड़ा रुख अपनाया और केंद्र की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “अडानी के खिलाफ बोलने वालों को निशाना बनाया जा रहा है। विपक्ष की आवाज दबाने की सोची-समझी रणनीति है ये। पहले कवासी लखमा और देवेंद्र यादव को टारगेट किया गया, अब मेरे बेटे को। हम ना डरेंगे, ना झुकेंगे, ना दबेंगे और ना टूटेंगे।”