Delegation of Indian MPs: मिशन ‘पाक बेनकाब’, 7 प्रतिनिधिमंडल तैयार, जानें कौन करेगा नेतृत्व और क्या है विदेश दौरा प्लान

Delegation of Indian MPs: भारत, पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को वैश्विक स्तर पर पुरजोर तरीके से उजागर करने की रणनीति पर काम कर रहा है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई, जिसमें 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया, के बाद अब भारत एक और बड़ा कदम उठाने जा रहा है। ‘आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने’ के स्पष्ट संदेश के साथ, भारत ने सांसदों के सात प्रतिनिधिमंडल गठित किए हैं, जो दुनिया के विभिन्न देशों का दौरा कर पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश करेंगे। इन सात प्रतिनिधिमंडलों में सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्षी दलों के सांसद भी शामिल होंगे।
अब यह जानकारी सामने आ गई है कि भारत के प्रमुख सहयोगी देशों का दौरा करने वाले इन महत्वपूर्ण संसदीय प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व कौन करेगा। इन सात टीमों में से चार का नेतृत्व सत्तारूढ़ दलों के नेता करेंगे, जबकि तीन की अगुवाई विपक्षी दलों के नेता संभालेंगे। इन नेताओं का चयन महाराष्ट्र, बिहार, दक्षिण भारत (प्रत्येक से दो) और ओडिशा (एक) से किया गया है।
सांसदों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे ये 7 प्रमुख नेता:
सरकार द्वारा चुने गए सात नेताओं में शामिल हैं:
- रविशंकर प्रसाद (भाजपा): सत्तारूढ़ दल के वरिष्ठ नेता।
- बैजयंत पांडा (भाजपा): सत्तारूढ़ दल के अनुभवी सांसद।
- श्रीकांत शिंदे (शिवसेना): सत्तारूढ़ गठबंधन के प्रमुख सदस्य।
- संजय झा (JDU): सत्तारूढ़ गठबंधन के महत्वपूर्ण नेता।
- शशि थरूर (कांग्रेस): विपक्षी दल के मुखर और अनुभवी सांसद।
- कनिमोई (द्रमुक): विपक्षी दल की प्रमुख नेता।
- सुप्रिया सुले (NCP-SP): विपक्षी दल की प्रभावशाली सांसद।
सरकार ने इन प्रतिनिधिमंडलों के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के ऐसे तेज-तर्रार और अनुभवी वक्ताओं का चयन किया है, जो वैश्विक मंच पर भारत का पक्ष प्रभावी ढंग से रख सकें। इन नेताओं में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के चार और ‘इंडिया’ गठबंधन के तीन वरिष्ठ सांसद शामिल हैं, जिनका सार्वजनिक जीवन में लंबा अनुभव रहा है।
विपक्षी दल कांग्रेस के सांसद शशि थरूर भी एक महत्वपूर्ण प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार की कार्रवाई का समर्थन किया है और पाकिस्तान व पीओके में आतंकी ठिकानों पर भारत के हमलों का बचाव किया है। थरूर की टीम अमेरिका और ब्रिटेन का दौरा करेगी। विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में अनुभवी राजनयिक भी शामिल होंगे।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा, “सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में भारत एकजुट है। सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेंगे। वे आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने के हमारे साझा संदेश को लेकर जाएंगे।”
प्राप्त जानकारी के अनुसार, रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल खाड़ी देशों जैसे सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया का दौरा कर सकता है। वहीं, सुप्रिया सुले की अगुवाई वाली सांसदों की टीम ओमान, केन्या, दक्षिण अफ्रीका और मिस्र की यात्रा करेगी। जदयू नेता संजय झा के नेतृत्व में एक अन्य प्रतिनिधिमंडल के जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, मलेशिया और इंडोनेशिया जैसे देशों का दौरा करने की संभावना है, जिसमें सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश इंडोनेशिया भी शामिल है। सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में छह से सात सांसद शामिल होंगे और वे चार से पांच देशों का दौरा कर सकते हैं।
इन महत्वपूर्ण विदेश दौरों पर जाने वाले सांसदों में अनुराग ठाकुर, अपराजिता सारंगी, मनीष तिवारी, असदुद्दीन ओवैसी, अमर सिंह, राजीव प्रताप रूडी, समिक भट्टाचार्य, बृजलाल, सरफराज अहमद, प्रियंका चतुर्वेदी, विक्रमजीत साहनी, सस्मित पात्रा और भुवनेश्वर कलिता समेत विभिन्न दलों के कई अन्य सांसद भी शामिल होंगे।
संजय झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में पूर्व विदेश मंत्री और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद भी शामिल होंगे, हालांकि वे वर्तमान में सांसद नहीं हैं। सरकार ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय को भी इस प्रयास में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी कारणों से यात्रा करने में असमर्थता जताई है। इस व्यापक कूटनीतिक पहल का मुख्य उद्देश्य विभिन्न देशों को पहलगाम हमले पर भारत के स्पष्ट रुख से अवगत कराना और पाकिस्तान के आतंक प्रायोजन के चेहरे को बेनकाब करना है।