पार्षद की बेटी की मौत का मामला: गांव-गांव में झोलाछाप डॉक्टर चला रहे क्लीनिक: विधायक सहित जिला पंचायत सदस्यों ने की कार्रवाई की मांग

तिल्दा-नेवरा: जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक में विधायक गुरु खुशवंत साहेब सहित कई सदस्यों ने तिल्दा-नेवरा क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में भाजपा पार्षद की बेटी की संदिग्ध मौत और अन्य गंभीर घटनाओं को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि इन अवैध चिकित्सकों की लापरवाही के चलते आए दिन जानें जा रही हैं, ऐसे में इन पर सख्त कार्रवाई की ज़रूरत है।
विधायक ने मांगी पार्षद की बेटी की मौत की जांच रिपोर्ट:
बैठक में जिला स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) मिथिलेश चौधरी ने जिले में चल रही योजनाओं जैसे आयुष्मान कार्ड, मातृ व शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम, परिवार कल्याण और मौसमी बीमारियों की रोकथाम को लेकर रिपोर्ट पेश की। इस दौरान विधायक खुशवंत साहेब ने तिल्दा-नेवरा में पार्षद की बेटी की मौत को लेकर की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी। इस पर स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है और आगे की कार्रवाई की प्रक्रिया में है।
स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही के अन्य मामले भी उठे:
बैठक में जिला पंचायत उपाध्यक्ष संदीप यदु ने धरसींवा क्षेत्र में एक व्यक्ति की डायरिया से हुई मौत का मामला उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि डॉक्टरों ने मौत का कारण कुछ और बताया, जबकि परिजन डायरिया को ही असली कारण मानते हैं। एक अन्य सदस्य ने एक गर्भवती महिला की निजी अस्पताल में प्रसव के दौरान मौत का मामला रखा। दोनों मामलों में अधिकारियों ने जांच कराने का भरोसा दिया।
तिल्दा और खरोरा क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला:
जिला पंचायत सदस्यों ने जानकारी दी कि तिल्दा, खरोरा और आस-पास के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में बिना डिग्री और लाइसेंस वाले डॉक्टर क्लीनिक चला रहे हैं। इन कथित डॉक्टरों के पास न तो किसी विशेष रोग का इलाज करने की योग्यता है, न ही ऑपरेशन या डिलीवरी जैसे गंभीर मामलों में प्रशिक्षण। इसके बावजूद ये लोगों की जान से खेल रहे हैं।
अविलंब कार्रवाई की मांग:
सदस्यों ने मांग की कि झोलाछाप डॉक्टरों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। बैठक में इस मुद्दे को लेकर सर्वसम्मति से चिंता व्यक्त की गई और स्वास्थ्य विभाग से ठोस कदम उठाने की अपील की गई।