CM Yogi Viral Statement: वाराणसी दौरे में सीएम योगी का तीखा बयान, मुहर्रम उपद्रवियों को चेतावनी, कांवड़ यात्रा को बताया एकता का प्रतीक

CM Yogi Viral Statement

CM Yogi Viral Statement

वाराणसी। CM Yogi Viral Statement: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने पूर्वांचल दौरे के तहत 15 जुलाई को वाराणसी पहुंचे। यहां उन्होंने जौनपुर में मुहर्रम के दौरान हुई एक दुर्घटना और उसके बाद फैले उपद्रव का कड़ा संज्ञान लिया। मुख्यमंत्री ने बेहद सख्त लहजे में कहा कि अब प्रदेश में ‘लातों के भूत, बातों से नहीं मानेंगे’ वाली नीति पर अमल होगा। उन्होंने साफ चेतावनी दी कि उपद्रव फैलाने वालों से अब पूरी सख्ती से निपटा जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी ने जौनपुर की उस घटना का जिक्र किया, जिसमें मुहर्रम के जुलूस के दौरान एक ताजिया हाईटेंशन तारों से टकरा गया था, जिससे तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद कुछ असामाजिक तत्वों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। योगी आदित्यनाथ ने पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए कि उपद्रवियों से सख्ती से निपटें और कहा, “लाठी मारकर बाहर करो इनको… ये बातों से नहीं मानने वाले हैं।”

मुख्यमंत्री ने मुहर्रम की घटना के बहाने धार्मिक आयोजनों के अनुशासन और आचरण पर भी सवाल उठाए। उन्होंने मुहर्रम के बाद शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा की तुलना करते हुए उसे भारत की आस्था, एकता और अनुशासन का प्रतीक बताया। योगी ने कहा, “जहां कुछ लोग मुहर्रम के नाम पर उपद्रव मचाते हैं, वहीं कांवड़ यात्रा शांतिपूर्ण समर्पण और अनुशासन का उदाहरण पेश करती है।”

सीएम योगी ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर फर्जी पहचान बनाकर जातीय संघर्ष और धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने एक पुराने वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि भीड़ में भगवा गमछा ओढ़कर ‘अल्लाह’ कहने वाले कुछ लोग भ्रम फैलाने का षड्यंत्र रचते हैं। ऐसे चेहरों की पहचान ज़रूरी है ताकि प्रदेश का सौहार्द न बिगड़े।

मीडिया की भूमिका पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “जब कांवड़ यात्री ‘हर हर बम बम’ करते हुए सैकड़ों किलोमीटर पैदल यात्रा करते हैं, तब कुछ मीडिया संस्थान उन्हें उपद्रवी या आतंकी तक कह देते हैं। जबकि यही लोग हैं जो जब भी सनातन संस्कृति पर संकट आता है, तो सबसे आगे खड़े होते हैं।”

सीएम योगी के इस बयान को जहां एक ओर उपद्रवियों के खिलाफ सख्त संदेश माना जा रहा है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसे धार्मिक ध्रुवीकरण की सियासी कोशिश बता रहा है। योगी आदित्यनाथ का यह दो टूक रुख एक ओर सांप्रदायिक सौहार्द को अनुशासित रखने की बात करता है, तो दूसरी ओर सांस्कृतिक आयोजनों को बढ़ावा देने की मंशा भी दिखाता है।

अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री के इस बयान का सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर क्या असर पड़ता है। क्या यह कानून व्यवस्था बनाए रखने का साहसिक प्रयास साबित होगा या फिर इसे चुनावी रणनीति के तौर पर देखा जाएगा? फिलहाल, प्रदेश की राजनीति में सीएम योगी का यह बयान चर्चा के केंद्र में है।

Youthwings