बेरोजगारी की बारात निकलेगी, दहेज में चाहिए नौकरी!- शादी कार्ड से सरकार को व्यंग्यात्मक न्योता

रायपुर। छत्तीसगढ़ में 57,000 शिक्षक पदों पर भर्ती की मांग लंबे समय से लंबित है, और अब इस मुद्दे को लेकर प्रशिक्षित बेरोजगार युवाओं ने विरोध का एक नया, रचनात्मक और व्यंग्यात्मक तरीका अपनाया है। इस बार प्रदर्शन किसी धरना, रैली या ज्ञापन के रूप में नहीं, बल्कि प्रतीकात्मक ‘विवाह समारोह’ के तौर पर होगा — जहां डीएड और बीएड धारक युवा “शिक्षक भर्ती बरात” लेकर सड़कों पर उतरेंगे।
आंदोलन में नया प्रयोग: प्रतीकात्मक शादी और बरात
बेरोजगार युवाओं का कहना है कि इस अनोखे आयोजन के जरिए वे सरकार की अधूरी वादों, बेरोजगारी की मार और अपने धैर्य की परीक्षा को एक रचनात्मक और व्यंग्यात्मक रूप देना चाहते हैं। उनका आरोप है कि चुनाव से पहले सरकार ने शिक्षक भर्ती को लेकर जो वादे किए थे, वे अब तक सिर्फ मंचों और घोषणाओं तक सीमित रह गए हैं।
इस प्रतीकात्मक विवाह समारोह में ‘शिक्षक भर्ती’ को केंद्र बिंदु बनाते हुए एक बारात निकाली जाएगी जो राजधानी रायपुर के विभिन्न इलाकों से होकर भाजपा प्रदेश कार्यालय तक पहुंचेगी। यह आयोजन अगस्त महीने के आखिर में किया जाएगा।
इंटरनेट पर वायरल हुआ अनोखा विवाह निमंत्रण पत्र
इस प्रदर्शन के तहत बेरोजगार युवाओं ने एक ‘शादी का कार्ड’ भी तैयार किया है, जो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस कार्ड में विवाह के पात्र कुछ इस तरह से दर्शाए गए हैं:
- सुपुत्र: श्री गरीब मध्यम परिवार
- सुपुत्री: श्रीमती डीएड और बीएड कॉलेज
- सुपौत्र: घर, परिवार, समाज और राज्य का भविष्य
- पता: भारत का 26वां राज्य, छत्तीसगढ़, सौं. कां. 57,000 शिक्षक भर्ती
एक अन्य कार्ड में यह भी दर्शाया गया है:
- सुपुत्र: श्री छत्तीसगढ़ भाजपा सरकार
- सुपुत्री: श्रीमती विधानसभा घोषणा पत्र
- सुपौत्र: माननीय प्रधानमंत्री
कार्ड में लिखा गया यह विवाह निमंत्रण केवल प्रतीकात्मक है, लेकिन इसके पीछे बेरोजगारों का गहरा संदेश छिपा है — कि शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी जब रोजगार नहीं मिलता, तो उम्मीदें दम तोड़ने लगती हैं और युवाओं का भविष्य अधर में लटक जाता है।
पहले होगी कांवड़ यात्रा, फिर निकलेगी बरात
इस आयोजन से पहले प्रशिक्षित बेरोजगार युवाओं ने एक कांवड़ यात्रा निकालने की भी योजना बनाई है, जिसकी रूपरेखा पर अभी काम चल रहा है। इसके जरिये वे भगवान शिव से अपने भविष्य को संवारने की प्रार्थना करेंगे और सरकार को चेतावनी भी देंगे कि अब धैर्य की सीमा खत्म हो रही है।
सरकार की गारंटी पर उठाए सवाल
बेरोजगार युवाओं का कहना है कि यह आंदोलन किसी प्रकार का मजाक नहीं, बल्कि सरकार की कथित गारंटी और घोषणाओं पर करारा व्यंग्य है। वे चाहते हैं कि सरकार अब भाषणों और कागजों से आगे बढ़कर वास्तविक नियुक्तियों की दिशा में ठोस कदम उठाए।