Chhattisgarh Online Property Registration: अब पूरी तरह पेपरलेस हुई रजिस्ट्री प्रक्रिया, राज्यभर में लागू हुआ ‘माय डीड’ सिस्टम

Chhattisgarh Online Property Registration

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रायपुर। Chhattisgarh Online Property Registration: छत्तीसगढ़ में रजिस्ट्री की पारंपरिक प्रक्रिया को आधुनिक और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य सरकार ने 10 जुलाई 2025 से पूरे प्रदेश में रजिस्ट्री के लिए ‘माय डीड’ नामक डिजिटल सिस्टम लागू कर दिया है। इस नई व्यवस्था के तहत अब जमीन की रजिस्ट्री से लेकर बटांकन और नामांतरण तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई है। इससे न केवल आम जनता को राहत मिलेगी, बल्कि भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा।

पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में रायपुर, नवागढ़, डौंडीलोहारा, नगरी और पथरिया जैसे शहरों में इस प्रणाली को आजमाया गया था। इन क्षेत्रों में मिली सफलता के बाद इसे राज्यभर के सभी रजिस्ट्री कार्यालयों में लागू कर दिया गया है।

अब नहीं लगाने पड़ेंगे तहसील के चक्कर

‘माय डीड’ सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके जरिए अब नामांतरण और बटांकन की प्रक्रिया भी रजिस्ट्री कार्यालयों से ही ऑनलाइन की जा सकेगी। पहले यह कार्य अलग से तहसील कार्यालयों में होता था, जिससे लोगों को कई बार चक्कर काटने पड़ते थे। लेकिन अब सभी प्रक्रिया एक ही जगह डिजिटल रूप से पूरी हो सकेगी।

घर बैठे होगी दस्तावेजों की जांच और स्वीकृति

इस सिस्टम की मदद से दस्तावेजों की जांच, सत्यापन और रजिस्ट्री की स्वीकृति अब घर बैठे हो सकेगी। साथ ही रजिस्ट्री के दस्तावेज डिजिटल फॉर्म में लोगों को उपलब्ध होंगे। ‘माय डीड’ सिस्टम राजस्व विभाग से लिंक होने के कारण जमीन से जुड़ी जानकारी और रिकॉर्ड भी ऑनलाइन उपलब्ध हो जाएंगे, जिससे फर्जी रजिस्ट्री या दस्तावेजों की हेराफेरी जैसी घटनाएं काफी हद तक रुक सकेंगी।

डिजिटल प्रशासन की ओर एक मजबूत कदम

रायपुर रजिस्ट्री कार्यालय के पंजीयक विनोज कोचे ने बताया कि यह सिस्टम अब रायपुर, नवा रायपुर, बलौदाबाजार, बालोद, बिलासपुर, दुर्ग सहित कई अन्य जिलों में भी सक्रिय रूप से शुरू हो चुका है। हालांकि कुछ जिलों में इंटरनेट की समस्या और तकनीकी खामियों के कारण इसे पूरी तरह लागू करने में चुनौतियां सामने आ रही हैं, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि इन समस्याओं का भी जल्द समाधान किया जा रहा है।

रजिस्ट्री कार्यालयों में भीड़ होगी कम

‘माय डीड’ लागू होने के बाद अब रजिस्ट्री कार्यालयों में दस्तावेज जमा करने और फिजिकल उपस्थिति की आवश्यकता काफी हद तक कम हो जाएगी। इससे न केवल लोगों का समय बचेगा, बल्कि कर्मचारियों पर काम का बोझ भी घटेगा। इसके साथ ही शासन की यह पहल डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में एक मील का पत्थर मानी जा रही है।

छत्तीसगढ़ सरकार का यह कदम जमीन से जुड़े कामों में पारदर्शिता और सुविधा लाने की दिशा में सराहनीय पहल है, जो भविष्य में राज्य के अन्य प्रशासनिक कार्यों को भी डिजिटल स्वरूप देने की प्रेरणा बन सकता है।

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