Chhattisgarh Liquor Scam: भूपेश बघेल के करीबी विजय भाटिया दिल्ली से गिरफ्तार, दुर्ग में एसीबी-ईओडब्ल्यू की बड़ी कार्रवाई

Chhattisgarh Liquor Scam
Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ में चर्चित शराब घोटाले की जांच एक बार फिर तेज़ हो गई है। इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए आर्थिक अपराध शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले शराब कारोबारी विजय भाटिया को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। वहीं दूसरी ओर, दुर्ग जिले में विजय भाटिया के पांच ठिकानों पर आज सुबह ताबड़तोड़ छापेमारी की गई है।
दिल्ली से हुई गिरफ्तारी, छत्तीसगढ़ लाया जा रहा विजय भाटिया
जानकारी के अनुसार, शराब घोटाले में फरार चल रहे विजय भाटिया को ACB की टीम ने दिल्ली स्थित एक ठिकाने से दबोच लिया। उन्हें पूछताछ के लिए अब छत्तीसगढ़ लाया जा रहा है। भाटिया की गिरफ्तारी से शराब घोटाले की जांच में नया मोड़ आने की संभावना है, क्योंकि वह इस घोटाले के अहम किरदारों में से एक माने जा रहे हैं।
पांच ठिकानों पर ईओडब्ल्यू का छापा
इधर दुर्ग में आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की टीम ने विजय भाटिया के पांच ठिकानों पर छापा मारा। बताया जा रहा है कि छह अधिकारियों की विशेष टीम ने अलग-अलग स्थानों पर दबिश दी। इससे पहले भी भाटिया के ठिकानों पर ईडी, एसीबी और ईओडब्ल्यू तीन बार छापा मार चुकी हैं, लेकिन हर बार वह हाथ नहीं लगे थे। इस बार उन्हें पकड़ने में सफलता मिली है।
क्या है छत्तीसगढ़ का बहुचर्चित शराब घोटाला?
छत्तीसगढ़ में साल 2019 से 2022 के बीच सरकारी शराब दुकानों से अवैध तरीके से शराब की बिक्री के जरिए करीब दो हजार करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ था। इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED), आर्थिक अपराध शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) कर रही हैं।
इन बड़े नामों पर घोटाले का आरोप
ED द्वारा दाखिल चार्जशीट में अब तक इस घोटाले में 21 लोगों को आरोपी बनाया जा चुका है। इनमें कई नामचीन लोग शामिल हैं:
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कवासी लखमा (पूर्व आबकारी मंत्री)
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अनवर ढेबर (प्रमुख कारोबारी)
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अनिल टूटेजा (IAS अधिकारी)
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त्रिलोक सिंह ढिल्लन
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कंपनियां: छत्तीसगढ़ डिस्टलर, वेलकम डिस्टलर, टॉप सिक्योरिटी, ओम साईं ब्रेवरीज, दिशिता वेंचर, नेस्ट जेन पावर, भाटिया वाइन मर्चेंट और सिद्धार्थ सिंघानिया जैसे नामों को आरोपी बनाया गया है।
भूपेश बघेल सरकार में हुआ घोटाला: ED का दावा
प्रवर्तन निदेशालय की जांच में यह सामने आया है कि यह पूरा घोटाला तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल में हुआ। इस दौरान IAS अधिकारी अनिल टूटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर की तिकड़ी ने मिलकर पूरे सिस्टम को अपने नियंत्रण में लिया और शराब व्यापार में घोटाला किया।
लखमा की गिरफ्तारी के बाद जांच में तेजी
ED ने इस मामले में 28 दिसंबर 2024 को पूर्व मंत्री कवासी लखमा और उनके परिजनों के घरों पर छापा मारा था। इस दौरान बड़ी मात्रा में महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए थे, जिनसे अपराध से अर्जित आय के प्रमाण मिले। इसके बाद 15 जनवरी 2025 को लखमा को गिरफ्तार किया गया और वे फिलहाल रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।
अब आगे क्या?
विजय भाटिया की गिरफ्तारी से इस घोटाले की परतें और भी खुल सकती हैं। माना जा रहा है कि पूछताछ के दौरान कई और प्रभावशाली नाम सामने आ सकते हैं। वहीं दुर्ग और रायपुर में लगातार छापेमारी का दौर जारी है। अब देखना होगा कि इस पूरे मामले में और कौन-कौन फंसता है और किस स्तर तक यह घोटाला फैला हुआ है।
यह गिरफ्तारी छत्तीसगढ़ की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था पर बड़ा असर डाल सकती है, खासकर जब मामला एक पूर्व मुख्यमंत्री के नजदीकी से जुड़ा हो।