Bharatmala Project Scam in Chhattisgarh: 150 से ज्यादा दावा-आपत्तियों का नहीं हुआ निराकरण, आज कमिश्नर करेंगे समीक्षा

Bharatmala Project Scam in Chhattisgarh

Bharatmala Project Scam in Chhattisgarh

रायपुर। Bharatmala Project Scam in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत भू-अर्जन मुआवजा घोटाले की जांच सुस्त गति से चल रही है। रायपुर-विशाखापट्नम कॉरिडोर से जुड़े इन मामलों पर अब तक 150 से अधिक दावा-आपत्तियों का निराकरण नहीं हो सका है। इसी कारण रायपुर संभागायुक्त महादेव कावरे ने आज, 4 अगस्त को समीक्षा बैठक बुलाई है।

हफ्तेभर में रिपोर्ट देनी थी टीमों को

राज्य शासन के निर्देश पर करीब एक माह पहले संभागायुक्त ने चार जांच टीमों का गठन किया था और उन्हें सप्ताहभर के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था। लेकिन तय समयसीमा के बावजूद अब तक जांच पूरी नहीं हो पाई है। बताया जा रहा है कि जांच का जिम्मा अपर कलेक्टर ज्योति सिंह, उमाशंकर बंदे, निधि साहू और इंदिरा देवहारी की अध्यक्षता वाली टीमों को दिया गया था।

दावा-आपत्तियों की लंबी सूची

रायपुर-विशाखापट्नम प्रोजेक्ट से जुड़े भू-अर्जन मुआवजा प्रकरणों में नए सिरे से दावा-आपत्तियां आमंत्रित की गई थीं। इसमें डेढ़ सौ से अधिक शिकायतें प्राप्त हुईं, लेकिन अभी तक इन पर कार्रवाई नहीं हो पाई है। बैठक में इन्हीं मामलों की विस्तृत समीक्षा की जाएगी और जांच की धीमी रफ्तार पर चर्चा होगी।

दुर्ग और राजनांदगांव में भी लंबित मामले

इसी तरह दुर्ग और राजनांदगांव जिलों में भी भारतमाला परियोजना के तहत ढाई सौ से ज्यादा दावा-आपत्तियां लंबित हैं। दुर्ग संभागायुक्त एस.एन. राठौर ने बताया कि अधिकांश शिकायतें कम मुआवजा मिलने को लेकर हैं। हालांकि, अब तक किसी तरह की प्रत्यक्ष अनियमितता की पुष्टि नहीं हुई है।

क्या है भारतमाला परियोजना

भारतमाला परियोजना केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत राष्ट्रीय राजमार्गों और कॉरिडोर का विकास किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में इस परियोजना के अंतर्गत भू-अर्जन मुआवजा वितरण में गड़बड़ियों के आरोप सामने आने से अब इस पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।

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