Gariaband News: राशन लेने उमड़ी भीड़ ने तोड़ा गेट, गरियाबंद में तीन महीने बाद बंट रहा था अनाज, अफरा-तफरी में कई महिलाएं और बच्चे गिरे, मचा हंगामा

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गरियाबंद। Gariaband News: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में शनिवार को एक राशन दुकान पर भारी हंगामा हो गया। तीन महीने से राशन न मिलने से पहले से नाराज लोग जब दुकान खुलने की खबर पाकर वहां जमा हुए, तो घंटों इंतजार के बाद धैर्य टूट गया और भीड़ ने राशन दुकान का गेट तोड़ दिया। देखते ही देखते वहां अफरा-तफरी और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।

तीन महीने से नहीं मिला था अनाज

ग्रामीणों का कहना है कि पिछले तीन महीनों से एक दाना अनाज नहीं मिला था। राशन वितरण में देरी और लगातार तकनीकी समस्याओं के कारण लोग पहले ही काफी परेशान थे। जैसे ही खबर मिली कि तीन महीने का बकाया राशन बंटने वाला है, लोग बड़ी संख्या में दुकान पर पहुंच गए।

अफरा-तफरी में कई गिरे, कुछ को चोटें

राशन के लिए उमड़ी भीड़ इतनी ज्यादा थी कि भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया। गेट टूटते ही अंदर घुसने की कोशिश में कई महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे जमीन पर गिर गए। इस भगदड़ में कुछ लोगों को मामूली चोटें भी आई हैं। मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि लोग सुबह से भूखे-प्यासे लाइन में लगे थे, लेकिन वितरण प्रक्रिया बेहद धीमी थी।

तकनीकी खामियों से बढ़ी दिक्कत

जानकारी के मुताबिक, सर्वर फेल, अंगूठे का मिलान न होना (फिंगरप्रिंट मिसमैच) और OTP नहीं आने जैसी समस्याओं ने पूरी प्रक्रिया को और ज्यादा बिगाड़ दिया। कई लोग घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद भी राशन नहीं ले सके।

पुलिस को बुलाना पड़ा

जब हालात पूरी तरह बेकाबू होने लगे, तो मौके पर पुलिस को बुलाना पड़ा। पुलिस ने हालात पर नियंत्रण पाया, लेकिन तब तक कई लोग चोटिल हो चुके थे और माहौल तनावपूर्ण हो गया था। कई अन्य दुकानों से भी इसी तरह की अव्यवस्थाएं सामने आ रही हैं।

प्रशासन बोला- होगी जांच, दोषियों पर कार्रवाई

मामला जब मीडिया और सोशल मीडिया में सामने आया तो प्रशासन हरकत में आया। जिला प्रशासन की ओर से कहा गया कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी और यदि किसी की लापरवाही सामने आती है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। अधिकारियों ने तकनीकी टीम को भी सिस्टम की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।

गरियाबंद की यह घटना दिखाती है कि सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में तकनीकी और व्यवस्थागत खामियां किस तरह आम लोगों की मुश्किलें बढ़ा रही हैं। लंबे समय तक राशन न मिलना और फिर वितरण के समय कुप्रबंधन से गरीबों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। सवाल यह भी है कि क्या भविष्य में ऐसे हालात रोकने के लिए कोई ठोस तैयारी की जाएगी?

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