SBI पर जुर्माना : होम लोन चुकता करने के बाद भी दस्तावेज देने में 50 दिन की देरी, उपभोक्ता आयोग ने लिया एक्शन

जगदलपुर। जिला उपभोक्ता आयोग ने एक महत्वपूर्ण फैसले में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की कलेक्ट्रेट शाखा पर ₹2.5 लाख का जुर्माना और ₹5,000 मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में उपभोक्ताओं को देने का आदेश दिया है। यह कार्रवाई होम लोन की सभी किश्तें चुकता होने के बावजूद बंधक संपत्ति के दस्तावेज समय पर वापस न करने के मामले में की गई है। यह आदेश जिला उपभोक्ता आयोग की अध्यक्ष सुजाता जायसवाल, सदस्य आलोक कुमार दुबे और सीमा गोलछा की संयुक्त पीठ द्वारा जारी किया गया।
समयसीमा में संपत्ति दस्तावेज उन्हें नहीं लौटाए:
जगदलपुर निवासी सरोज देवी और अखिलेश कुमार चौहान ने SBI की कलेक्ट्रेट शाखा से होम लोन लिया था। ऋण स्वीकृति के समय बैंक ने उनकी अचल संपत्ति के दस्तावेज अपने पास रखे थे। आवेदकों ने लोन की सभी ईएमआई का भुगतान समय पर कर दिया, लेकिन ऋण चुकता होने के बाद भी बैंक ने 30 दिनों की तय समयसीमा में संपत्ति दस्तावेज उन्हें नहीं लौटाए।
30 दिनों के भीतर लौटाने होते हैं दस्तावेज:
इस देरी को लेकर उपभोक्ताओं ने जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कराई। सुनवाई के दौरान आयोग ने माना कि भारतीय स्टेट बैंक, एक बैंकिंग संस्था होते हुए, बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949, आरबीआई एक्ट 1934 और रिजर्व बैंक द्वारा तय दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए बाध्य है। नियमों के अनुसार, ऋण की पूर्ण अदायगी के 30 दिनों के भीतर बैंक को दस्तावेज लौटाने होते हैं।
2,50,000 का जुर्माना और 5,000 मुआवजा:
बैंक द्वारा दस्तावेज लौटाने में 50 दिनों की देरी को आयोग ने सेवा में कमी और व्यवसायिक कदाचार मानते हुए प्रति दिन ₹5,000 की दर से ₹2,50,000 का जुर्माना लगाया है। साथ ही, उपभोक्ताओं को हुई मानसिक पीड़ा के लिए अतिरिक्त ₹5,000 मुआवजा देने का भी आदेश पारित किया गया है।