रविवि की समय-सारिणी में एक और बड़ी गलती उजागर: एमए राजनीति शास्त्र में विषय चार ही,पर परीक्षा होगी पांच की

रायपुर। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय (रविवि) द्वारा आयोजित की जा रही सेमेस्टर परीक्षाएं लगातार विवादों में घिरती जा रही हैं। ताजा मामला एमए राजनीति विज्ञान द्वितीय सेमेस्टर का है, जहां टाइम-टेबल में ऐसा विषय शामिल कर दिया गया है, जो पाठ्यक्रम में है ही नहीं।

दरअसल, विश्वविद्यालय द्वारा जारी परीक्षा समय-सारिणी में एमए राजनीति विज्ञान द्वितीय सेमेस्टर के लिए पांचवीं परीक्षा ‘लोक प्रशासन’ विषय की निर्धारित की गई है, जबकि पाठ्यक्रम में प्रति सेमेस्टर केवल चार विषय ही निर्धारित हैं। इस अतिरिक्त विषय ने न केवल छात्रों को, बल्कि कॉलेज प्रशासन को भी असमंजस में डाल दिया है।

पाठ्यक्रम में शामिल ही नहीं, उसका भी पेपर:

बताया गया कि इस कोर्स की परीक्षाएं 5 जून से शुरू हो चुकी हैं और चौथा पेपर 21 जून को आयोजित होना है। इसके बाद 26 जून को एक ‘पांचवें’ पेपर की परीक्षा रखी गई है, जो कि पाठ्यक्रम में शामिल नहीं है। जब कॉलेजों ने इस त्रुटि को नोटिस कर रविवि को अवगत कराया, तो विश्वविद्यालय की ओर से न तो कोई सुधार किया गया और न ही कोई प्रतिक्रिया दी गई।

बार-बार हो रही हैं त्रुटियां:

यह पहली बार नहीं है जब रविवि की परीक्षाओं में गड़बड़ी सामने आई हो। इस सत्र में पहले भी कई बार टाइम-टेबल बदला जा चुका है। बीकॉम और सीए की परीक्षाओं का शेड्यूल टकराने से लेकर परीक्षा समय में बदलाव तक कई संशोधन किए जा चुके हैं। छात्रों की मांग पर सुबह की पाली का समय 7 से 10 बजे से बदलकर 8 से 11 बजे किया गया था।

हाल ही में एक और गंभीर चूक सामने आई जब जेमेलॉजी छठवें सेमेस्टर की परीक्षा में गलत प्रश्नपत्र बांट दिए गए, जिसके कारण परीक्षा रद्द करनी पड़ी। वहीं, छह विषयों की परीक्षाएं निर्धारित समय से करीब डेढ़ घंटे देरी से शुरू हुईं। मौजूदा सत्र में शायद ही कोई संकाय ऐसा हो, जहां विश्वविद्यालय से कोई न कोई त्रुटि न हुई हो।

कॉलेज प्रशासन हैरान:

निजी कॉलेज संघ के सचिव डॉ. देवाशीष मुखर्जी ने स्पष्ट किया कि एमए राजनीति विज्ञान में सिर्फ चार ही विषय होते हैं। टाइम-टेबल में दर्शाया गया पांचवां पेपर पाठ्यक्रम का हिस्सा ही नहीं है। अब कॉलेज प्रशासन असमंजस में है कि छात्रों को इस विषय की परीक्षा में बैठने को कहें या नहीं।

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