छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल ने तीन गुना बढ़ाई रजिस्ट्रेशन फीस, दो सदस्य पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री के पास

रायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल द्वारा रजिस्ट्रेशन और नवीनीकरण (रिन्यूवल) फीस में की गई भारी वृद्धि को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। काउंसिल ने न केवल फीस को एक साथ लगभग तीन गुना तक बढ़ा दिया है, बल्कि सदस्यों और अध्यक्ष को दिए जाने वाले भत्तों को भी दोगुना कर दिया गया है। इस फैसले पर काउंसिल के ही दो सदस्यों, डॉ. राकेश गुप्ता और भगत राम ने विरोध जताते हुए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को पत्र लिखकर इसमें हस्तक्षेप करने और बढ़ी हुई फीस को कम करने की मांग की है।

आमसभा में हुआ बहुमत का ‘दुरुपयोग’ – सदस्यों का आरोप

डॉ. राकेश गुप्ता और भगत राम ने बताया कि 8 मई को आयोजित काउंसिल की आमसभा में बहुमत के आधार पर बिना व्यापक विचार-विमर्श के यह निर्णय लिया गया। उनका आरोप है कि इस निर्णय के जरिए फार्मेसी के छात्रों और पंजीकृत फार्मासिस्टों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ डाला गया है।

पहले कितनी थी फीस, अब कितनी हो गई?

काउंसिल द्वारा संशोधित शुल्क संरचना के अनुसार, पहले:

  • रजिस्ट्रेशन फीस:
    • सभी छात्रों के लिए 5 वर्षों का शुल्क ₹2650 था।
    • अब यह छत्तीसगढ़ के छात्रों के लिए बढ़ाकर ₹8319, और
    • छत्तीसगढ़ से बाहर के छात्रों के लिए ₹11859 कर दिया गया है।
  • रिन्यूवल फीस (बिना फाइन):
    • पहले ₹1829 थी, अब इसे बढ़ाकर कुल ₹4602 कर दिया गया है।
    • इसमें प्रोसेसिंग फीस ₹400, रिन्यूवल फीस ₹1500, मेंटेनेंस व डेवलपमेंट चार्ज ₹2000 और 18% जीएसटी शामिल है।
  • रिन्यूवल फीस (फाइन के साथ):
    • पहले ₹2429 थी, अब इसे बढ़ाकर कुल ₹8732 कर दिया गया है।
    • इसमें लेट फीस, रिस्टोरेशन चार्ज और अन्य मदों को मिलाकर कुल ₹7400 प्लस 18% जीएसटी लगाया गया है।

छात्रों और फार्मासिस्टों में नाराजगी

बढ़ी हुई फीस के बाद फार्मेसी छात्र और पंजीकृत फार्मासिस्टों में भारी असंतोष देखा जा रहा है। कई लोगों का कहना है कि पहले से ही फार्मेसी क्षेत्र में रोजगार के अवसर सीमित हैं, ऐसे में रजिस्ट्रेशन व रिन्यूवल जैसे जरूरी प्रक्रियाओं को इतना महंगा कर देना छात्रों के भविष्य पर सीधा असर डालेगा।

स्वास्थ्य मंत्री से हस्तक्षेप की मांग

काउंसिल के सदस्य डॉ. गुप्ता और भगत राम ने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र भेजते हुए कहा है कि फीस वृद्धि का फैसला गैरजरूरी और असंवेदनशील है। उन्होंने मंत्री से अनुरोध किया है कि वे इस विषय पर संज्ञान लें और तुरंत बढ़ी हुई फीस को यथासंभव युक्तिसंगत बनवाएं। पत्र में यह भी लिखा गया है कि यदि जल्द कोई राहत नहीं मिली, तो वे विरोध स्वरूप आगे की रणनीति तय करेंगे।

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