सत्यपाल मलिक की सीबीआई चार्जशीट पर सफाई – कहा, “मुझ पर झूठा लांछन न लगाएं”

दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में बीते दो हफ्तों से भर्ती जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने उनके खिलाफ सीबीआई द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने सोशल मीडिया के ज़रिए अपनी बात रखते हुए सीबीआई और ईडी से आग्रह किया है कि उन पर झूठे आरोप न लगाए जाएं क्योंकि वह न केवल कर्ज में डूबे हैं, बल्कि आज भी एक कमरे के मकान में रह रहे हैं।

अस्पताल से सोशल मीडिया पर सक्रिय

चार्जशीट दाखिल होने के कुछ घंटे बाद ही सत्यपाल मलिक ने अपनी अस्पताल से एक फोटो साझा की थी, जिसके बाद से वे सोशल मीडिया पर खासे सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक विस्तृत पोस्ट में लिखा, “मैं पिछले लगभग दो सप्ताह से अस्पताल में भर्ती हूं और दो दिन पहले मोदी सरकार की एजेंसी सीबीआई ने मेरे खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। मैं किसान का बेटा हूं और चौधरी चरण सिंह जी के सिद्धांतों पर चलते हुए मैंने हमेशा ईमानदारी से राजनीति की है। इस चार्जशीट से डरने वाला नहीं हूं।”

मलिक ने प्रधानमंत्री मोदी को भी संबोधित करते हुए लिखा कि जिस टेंडर को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं, उसी टेंडर की जानकारी उन्होंने स्वयं प्रधानमंत्री को दी थी और बाद में इसे रद्द कर दिया गया था। उनका दावा है कि टेंडर दोबारा तब हुआ जब उनका तबादला हो गया था।

पीएम मोदी और एजेंसियों पर सवाल

अपने पोस्ट में मलिक ने सवाल उठाया कि, “मोदीजी और सीबीआई देश को बताएं कि मैंने जो भ्रष्टाचार की जानकारी दी थी, उसकी जांच कहां तक पहुंची? अगर मैं बेईमान हूं, तो मेरी संपत्ति कितनी बढ़ी है ये भी सार्वजनिक करें। अगर मेरी संपत्ति में कोई इजाफा नहीं हुआ है तो फिर मुझ पर झूठा लांछन क्यों?”

उन्होंने आगे लिखा, “मैं एक कमरे के मकान में रहता हूं, और कर्ज में डूबा हूं। प्रधानमंत्री जी और उनकी एजेंसियों से मेरा विनम्र आग्रह है कि वे मुझे बदनाम करने की कोशिश न करें। अगर सच्चाई जाननी है तो निष्पक्ष जांच करवाएं ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।”

मलिक ने अपने पोस्ट के अंत में लिखा, “सत्यमेव जयते। ईमानदारी और सच्चाई के साथ मैं तानाशाही सरकार के सामने मजबूती से खड़ा हूं।”

क्या है किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट घोटाला?

सीबीआई ने फरवरी 2024 में सत्यपाल मलिक के ठिकानों पर छापेमारी की थी। अब इस मामले में एजेंसी ने चार्जशीट दाखिल करते हुए मलिक समेत कुल 6 लोगों को आरोपी बनाया है। यह घोटाला जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में निर्माणाधीन किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट से जुड़ा है। आरोप है कि इस परियोजना के ठेके में नियमों को ताक पर रखकर एक विशेष कंपनी को ठेका दिया गया, जिससे पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठे हैं।

चार्जशीट में जिन अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है, उनमें चेनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (CVPPPL) के तत्कालीन प्रबंध निदेशक एमएस बाबू, कंपनी के निदेशक अरुण कुमार मिश्रा और एमके मित्तल, पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के प्रबंध निदेशक रूपेन पटेल और कंवलजीत सिंह दुग्गल का नाम शामिल है।

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