UN रिपोर्ट से पाकिस्तान की पोल खुली… TRF और लश्कर की मिलीभगत का किया पर्दाफाश, पाकिस्तान फिर झूठा साबित

संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक ताज़ा रिपोर्ट ने पाकिस्तान के झूठ की पोल खोल दी है। रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुआ आतंकी हमला पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा अंजाम दिया गया था। यह हमला लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के इशारे पर किया गया था, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी।
UN रिपोर्ट ने खोला पाकिस्तान का झूठ
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध निगरानी टीम (Sanctions Monitoring Team) ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि इस हमले की जिम्मेदारी लेने वाला संगठन ‘द रेजिस्टेंट फ्रंट’ (TRF) वास्तव में लश्कर का ही एक चेहरा है। रिपोर्ट के अनुसार, TRF को सीधे लश्कर-ए-तैयबा का सहयोग मिला था। निगरानी टीम ने कहा कि लश्कर की मदद के बिना इस हमले को अंजाम देना संभव ही नहीं था।
भारत की बात पर लगी मुहर
यूएन की इस रिपोर्ट ने भारत के उस दावे को सही साबित किया है, जिसमें भारत लगातार कहता रहा है कि TRF दरअसल लश्कर का ही एक मुखौटा संगठन है। रिपोर्ट में कहा गया है कि TRF की स्थापना 2019 में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और लश्कर के सरगना हाफिज सईद की मदद से हुई थी।
पाकिस्तान कर रहा है आतंकी संगठनों को बचाने की कोशिश
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान लगातार TRF और लश्कर को बचाने की कोशिश कर रहा है। पहलगाम अटैक के बाद जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बयान जारी किया, तो पाकिस्तान ने उसमें से TRF का नाम हटवाने का प्रयास किया। इतना ही नहीं, हाल की रिपोर्ट में भी पाकिस्तान के दबाव में एक देश ने लश्कर को निष्क्रिय संगठन करार दिया।
पाकिस्तान के मंत्री और नेताओं के बयान
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि उनके देश में अब कोई भी आतंकी संगठन सक्रिय नहीं है। वहीं, पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान ने लश्कर के हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद के मसूद अजहर को अंडरग्राउंड कर दिया है। पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भी एक इंटरव्यू में संकेत दिया था कि हाफिज सईद और मसूद अजहर अफगानिस्तान में छिपे हो सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ीं
यूएन रिपोर्ट के बाद पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बढ़ना तय है। जहां भारत लगातार सबूतों के साथ दुनिया को यह दिखाता आ रहा था कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के पीछे पाकिस्तान का हाथ है, वहीं अब संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट ने इस सच्चाई पर आधिकारिक मुहर लगा दी है।